इसलिए आज भी स्थानीय लोगों द्वारा पूजे जाते हैं सामंत अलखाजी

अलखाजी रियासती काल में शेखावाटी के एक छोटे से जमींदार थे | उनके अधीन महज कुछ गांव ही थे, पर उन्होंने ऐसा क्या किया कि ल…
अलखाजी रियासती काल में शेखावाटी के एक छोटे से जमींदार थे | उनके अधीन महज कुछ गांव ही थे, पर उन्होंने ऐसा क्या किया कि ल…
राजस्थान में प्राचीनकाल से ही पानी की कमी रही है | फिर भी राजस्थान के निवासी सदियों से अपनी मेहनत और सुझबुझ से इस कमी स…
सिंगरावट गढ़ : राजस्थान के शेखावत आँचल के सीकर जिला मुख्यालय से लगभग पचास किलोमीटर दूर ऐतिहासिक महत्त्व का यह गढ़ सिंगराव…
झूंथर सोलहवीं शताब्दी में गौड़ राजपूतों का एक शक्तिशाली केंद्र था | उस वक्त कोलराज गौड़ वहां का शासक था | जो स्वभाव से घम…
आज का दिन यानी अक्षय तृतीया शेखावत वंश व शेखावाटी के प्रवर्तक वीरवर महाराव शेखाजी का निर्वाण दिवस है | महाराव शेखाजी का…
ढोसी नारनोल का नवाब अखनखां एक वीर, गर्वीला और उद्भट वहादुर योद्धा था | उसके पास शक्तिशाली व सुसंगठित सेना थी | उसकी शक्…
ऊँची पहाड़ी पर बने कुचामन किले में बैक गियर में चलती जीप ने हमें किले के मुख्य द्वार पर छोड़ा | द्वार के बाहर एक तरफ पहा…
ये शीश महल है, जिसे बहुत कम लोगों ने ही देखा है और कम ही लोग इसके बारे में जानते हैं | श्री विहीन अवस्था में भी इसे देख…
शेखागढ़ अमरसर : साम्प्रदायिक सौहार्द और नारी सम्मान के प्रतीक राव शेखाजी का शेखागढ़ राजस्थान के अमरसर में स्थित है | अमरस…
One record of the event, in which Padam Singh took part, has been preserved. In 1787 the king of Sīkar, the Rāo Rājā De…
Bathoth Fort History : इस छोटे से खुबसूरत किले का भी अपना गौरवशाली इतिहास है| शेखावाटी के प्रसिद्ध क्रांतिवीर डूंगर स…
धोद : राजस्थान के शेखावाटी आँचल में सीकर जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर धोद कस्बे में स्थित है यह किला | आज धोद…
मौर्य सूर्यवंशी क्षत्रिय थे। शाक्यों के उस उच्च तथा पवित्र वंश की वे एक शाखा थे- जिसमें महात्मा गौतम बुद्ध का जन्म हुआ …
प्रारंभिक वैदिक युग में मत्स्यों का निवास स्थान सरस्वती और हषद्वती नामक वैदिक नदियों के, जो अब भू-गर्भ में विलुप्त हो च…
यह घटना उस काल की है, जब आमेर के महाराजा भारमल की मुगल सल्तनत से संधि हो चुकी थी और उनके वंशज मुगलों के सेनापति भी नियु…
जयपुर से करीब 45 किलोमीटर व दोसा से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित लवाण कस्बा कई कारणों से प्रसिद्ध है। जयपुर-आगरा हाईवे से…
मथुरा स्थित गोर्वधन पर्वत युगों-युगों से विश्वविख्यात हैं। मथुरा चंद्रवंशी क्षत्रिय भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली एवं कर…
भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग जाट राजाओं की शौर्यगाथाओं का एक ऐसा किला है, जिसने मुगलों से लोहा लिया | अंग्रेजों ने इस किले पर…
दिल्ली पर मुसलमानों की सत्ता सथापित हो जाने पर तोमर राजवंश का उत्तराधिकारी अचलब्रह्म अजमेर के राजा हरिराज चौहान के पास …
Rupgarh Fort रुपगढ़ किले का इतिहास : अरावली के उबड़ खाबड़ मगरों और ऊँची नीची पहाड़ियों की चोटियों में से एक चोटी पर आकाश क…
शक्ति और भक्ति के संगम हड़बूजी (नागौर) के महाराज सांखला के पुत्र और राव जोधाजी (1438-89 ई.) के समकालीन थे। पिता की मृत्…
जिन्हें राजपूत अपना समझते हैं वे राजपूतों की पीठ पर यूँ करते हैं वार : 1947 में सत्ता हस्तांतरण के बाद राजपूत जाति राजन…
अति प्राचीनकाल में भारत वर्ष अनेक जनपदों में विभाजित था। वैदिक युग में ‘जन’ की सत्ता प्रधान थी। एक ही पूर्वज की वंश परम…
जयपुर पर हमला करने आये मराठों को जयपुर की जनता के रोष का सामना करना पड़ा और देखते देखते ही जयपुर की जनता ने मारकाट मचाकर…
स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों में अजमेर मेरवाड़ा संभाग के भिनाय ठिकाने के राजा बलवंत सिंह राठौड़ का प्रमुख नाम है। राजा…