चार लाख रु.लालच भी नहीं भुला सका मित्र की यादें
6:06 am
ज्ञान दर्पण पर आपने " मित्र के विरह में कवि और विरह के दोहे" में पढ़ा कि अपने मित्र बाघजी राठौड़ की मौत का दुः…
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6:06 am
ज्ञान दर्पण पर आपने " मित्र के विरह में कवि और विरह के दोहे" में पढ़ा कि अपने मित्र बाघजी राठौड़ की मौत का दुः…
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8:00 pm
ज्ञान दर्पण पर "इतिहास की एक चर्चित दासी भारमली" के बारे पढ़ते हुए आपने पढ़ा कि जैसलमेर के रावत लूणकरणजी की …
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5:55 am
उजळी द्वारा अपने प्रेमी जेठवा के विरह में लिखे दोहे - जळ पीधो जाडेह, पाबसर रै पावटे | नैनकिये नाडेह, जीव न धापै जेठवा |…
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5:55 am
उजळी द्वारा अपने प्रेमी जेठवा की मृत्यु उपरांत बनाये पिछोले - पाबासर पैसेह हंसा भेला नी हुआ | बुगलां संग बैसेह , जूण ग…
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6:00 am
करीब ११ वीं-१२ वीं शताब्दी में हालामण रियासत की धूमली नामक नगरी का राजा भाण जेठवा था | उसके राज्य में एक अमरा नाम का गर…
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5:31 pm
साहित्य के ज्यादातर विद्वानों का मत है कि राजस्थानी साहित्य वीर रस का साहित्य है क्योंकि राजस्थानी साहित्य में वीर रस क…
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10:06 pm
ये चाँद आज फिर निकला है यु सज धज के मुहबत का जिक्र हो शायद हाथो की लकीरों मे याद दिलाता है मुझे एक अनजान राही की याद …
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4:24 pm
1903 मे लार्ड कर्जन द्वारा आयोजित दिल्ली दरबार मे सभी राजाओ के साथ हिन्दू कुल सूर्य मेवाड़ के महाराणा का जाना राजस्थान क…