
कुजड़बो शौक

दिन भर ढोवै सर पर काठड़ी, मजदुर पिसा ल्यायो घाल आँटड़ी घर आंवतो ही ठेके पर गियो थांकेलो उतारण न छककर पियो मजदूरी उठह…
दिन भर ढोवै सर पर काठड़ी, मजदुर पिसा ल्यायो घाल आँटड़ी घर आंवतो ही ठेके पर गियो थांकेलो उतारण न छककर पियो मजदूरी उठह…
ठरगा भायला जाड़ा म सूरज बड़गो खाडा म पिसा लागै दवायां का और दशमूल का काड़ा में ठरगा भायला जाड़ा म दुबला को बैरी है य…
काका-ताऊ ना भायां को आग्यो राज लुगायां को ।| कोंग्रेस का च्यारूं मेर सूं कर दिन्या है सफाया गहलोत सरकार की कुर्सी…
गीत- गाओ टाबरों थारा मुलकबा सुं देश हरख सी थे ही तो हो आगला टेशन जमाना रे साथ करो खूब फैशन पण याद राखो बुजुर्गा री…
सावण आयो री सखी, मन रौ नाचै मोर । जल बरसाव बादळी, अगहन लगी चहूं और ।। झड़ लागी सावण की ,टिप -टिप बरसै मेह। यौवन पाण…
वोह सुनहरी दोपहर, वोह छुक छुक चलती गाड़ी का रुक रुक कर चलना तुम्हारी प्यारी सी उंगलियों से लिखे संदेशे का मेरे फ़ोन पर…
म्हारे मरुधर देश रा प्यारा ढाणी-गाँव । कोरा कोरा मटका रो सोंधो -सोंधो पाणी। गर्मी रा मौसम को कलेवो, छाछ - राबड़ी और ध…
माता कब की ''ममी'' बना दी, पिता को बना डाला ''डेड'' छोड़ छाड़ के सादी रोटी, खुश रहत…
लेखक : गजेन्द्र सिंह शेखावत देश-धर्म इस राष्ट्र को मत जकड़ो जंजीरों में । इसके वैभव के लिए, गला कटाया है यहाँ, असंख…
तुम्हारे थोड़े से राशन बचाने से ,बच नहीं जाएगी उसकी लाज टूट पड़ेगा गिद्ध सा , घर से भूखा निकला हैं वो आज ये क…
सज-धज बैठी गोरड़ी, कर सोल्हा सिणगार । त र सै घट रो मोर मन, सोच -सोच भरतार ।| …
कठै गया बे गाँव आपणा कठै गयी बे रीत । कठै गयी बा ,मिलनसारिता,गयो जमानो बीत || दुःख दर्द की टेम घडी में काम आपस मै …
जब जब ढलते मौसम में दिल पे वो शीत हवाएं चलती है | मेरे प्यारे वतन , तेरी सुबह तेरी शाम मुझे बहुत रूला जाती है |…
शांत वातावरण में मदमस्त बहती जा रही थी हिलोरे लेती सजती रहती... कभी उफनती ,तो कभी शांत ... बस बहती जा रही थी | सौल…
धरती को भूल कर आसमां को निहारने लगा है मानव ... ऊंची उड़ान कि चाहत में कहीं भटक गया है मानव ... बहुत अफ़सोस, …
अस्त्र शस्त्र ,वेद शास्त्र , विद्या दान सब सिखाया क्षत्राणी का धर्म निभाया कूद के जौहर में रण भूमि में तुम्…
कमलेश चौहान (गौरी) माना कि ये उस मालिक का दस्तूर है कुछ पल सब कुछ है कुछ पल देखो तो कुछ भी नहीं कल जो दिल के कर…
एक बेटी के मन की आवाज माँ के लिए माँ थारी लाडी नै, तूं लागै घणी प्यारी | सगळा रिश्तां में, माँ तूं है सै सूं न्या…
राह पकड़ तू चल अनवरत झंझावातों से डरना मत। पूर्वजों की यश कीर्त…
सुण रै म्हारी सखी सहेली, किती सुखी है आ छोटी सी चिड़कली | जद मन करै रुंख पै आवै, जद मन करै आकास में फुर सूं उड़ ज…