
सन 1741 – गंगवाना का युद्ध जयपुर V /S मराठा

सन 1741 – गंगवाना का युद्ध स्थान: गंगवाना गाँव, अजमेर के पास (वर्तमान राजस्थान) तिथि: 1741 ईस्वी पक्ष: जयपुर राज्य – …
सन 1741 – गंगवाना का युद्ध स्थान: गंगवाना गाँव, अजमेर के पास (वर्तमान राजस्थान) तिथि: 1741 ईस्वी पक्ष: जयपुर राज्य – …
मांवडा युद्ध (वि. 1824 ई. 1767) जयपुर के राजा सवाई जयसिंह द्वारा बादशाह मुहम्मदशाह के समय जाट बदनसिंह को अपने अधीन कर …
मिर्जा राजा जयसिंहजी व शिवाजी के मध्य पुरन्दर की संधि हुई थी, इससे पहले इतिहास में पढाया जाता है कि राजा जयसिंहजी ने …
विक्रम सम्वत् 1830 की आसोज शुक्ला पंचमी के दिन मुग़ल बादशाह शाहआलम द्वितीय प्रकट हुआ। दिल्ली निवासियों ने पहली बार यह …
भारत में एक से बढ़कर एक योद्धा हुए हैं | यहाँ की हर घाटी व मैदान रणक्षेत्र रहा है, फिर सवाल उठता है कि भारत गुलाम क्यो…
गौरक्षा के लिए किसी मुसलमान द्वारा प्राणों की आहुति देने की बात की जाय तो शायद ही कम लोग पचा पायेंगे | लेकिन इतिहास में…
सीकर का वीरभान : सीकर शेखावाटी का एक महत्त्वपूर्ण ठिकाना था | इस ठिकाने पर कछवाह वंश के राव तिरमलजी शेखावत के वंशजों …
प्रतिहार राजवंश क्षत्रिय या गुर्जर : इतिहासकार जगदीशसिंह गहलोत ने राजपूत शासनकाल की कमियों पर बेबाकी से कलम चलाई है…
चौहान राजपूत वंश की एक शाखा है “निरबाण”, पर जब भी मैं इस वंश की शाखा के व्यक्तियों के नाम के आगे देखता हूँ तो पाता हू…
यह लेख February 2, 2022 को लिखा गया था पिछले दिनों जीन्यूज की वेबसाइट पर अलवर महाराजा जयसिंह की छवि व चरित्रहनन करन…
Ghatiyala Abhilekh : घटियाळा अभिलेख ( वि. सं. 918 सन् 861 ई.) ओं सग्गापवग्ग मग्गं पढ़मंसयलाण कारणं देवं णीसे सद…
मेवाड़ की विश्व प्रसिद्ध रानी पद्मिनी पर जायसी सहित कई लेखकों ने साहित्य लिखा | इस साहित्य ने जहाँ पद्मिनी को विश्व प्रस…
जयपुर अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर महलां से जोबनेर जाने वाली सड़क पर स्थित है बोराज गांव | इसी गांव में बना है एक प्राचीन…
सन 1794 ई. का दिन था, महादजी सिंधिया की पेशवाई सेना ने हाफु खंडू सिंधिया (अप्पा खंडेराव) के नेतृत्व में चूरू नगर …
भाई के प्रति प्रेम : वि.सं. 1653 में राजस्थान में भीषण अकाल पड़ा था | अपनी प्रजा को भूख से बचाने के लिए राजस्थान के राजा…