ऐसे डिजाइन हुआ था फैशन की दुनिया का सरताज जोधपुरी कोट

Gyan Darpan
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देश के किसी भी शादी ब्याह के अवसर पर आपने बंद गले का जोधपुरी कोट पहने लोगों को अवश्य देखा होगा| यही नहीं मंत्री पद की शपथ लेते समय भी कई नेताओं को कुर्ता पायजामा की जगह बंद गले का कोट पहन शपथ लेते देखा होगा| भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की ज्यादातर तस्वीरों में वे आपको जोधपुरी कोट पहने नजर आयेंगे| नेहरु के बाद राजीव गांधी, मनमोहनसिंह, नरेंद्र मोदी आदि सभी की पसंद रहा है जोधपुरी कोट|

जोधपुरी कोट की डिजाइन सबसे पहले लन्दन में सन् 1887 में हुई थी तब से लेकर आजतक फैशन की दुनिया में कितनी ही फैशन डिजाइन आई और गई, पर जोधपुरी कोट आज भी फैशन की दुनिया में सब पर भारी है| जोधपुरी बंद गले का कोट एक ऐसा परिधान है जो आज भी लोगो के दिलो दिमाग पर छाया हुआ है | देश महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों की पसंद के बाद इतने सालों से यह परिधान हर वर्ग के लोगों की पसंद रहा है | पर क्या आप जानते है इस कोट का डिजाइन किसने, कब और क्यों किया ?

बात सन् 1887 की है जब जोधपुर के मुसाहिबे आला सर प्रताप महारानी विक्टोरिया के हीरक जयंती समारोह में भाग लेने लन्दन गए थे| जिस जहाज में उनके कपड़े थे वह जहाज लापता हो गया था| सर प्रताप ने इस परिस्थिति में भी विदेशी डिजाईन वाले वस्त्र नहीं पहने, बल्कि एक सफ़ेद कपड़े का थान ख़रीदा और अपने हाथों, अपने पहनने हेतु परिधान बनवाने हेतु उसकी कटिंग की| लेकिन लन्दन के दर्जियों ने उनके बताये अनुसार सिलने में असमर्थता जाहिर की| बहुत खोजबीन के बाद एक दर्जी इसे सिलने हेतु सहमत हुआ|

उसने सर प्रताप द्वारा कटिंग किए वह परिधान सिला, जो जोधपुरी कोट के रूप में प्रसिद्ध हुआ| सर प्रताप ने जब बंद गले के इस कोट को पहन कर समारोह में भाग लिया तब वहां उपस्थित लोगों ने इसे इतना पसंद किया कि फैशन की दुनिया में तहलका मच गया और वो दर्जी सर प्रताप का डिजाइन किया कोट सिलते-सिलते मालामाल हो गया|

सर प्रताप की कल्पना वाला यह कोट जोधपुरी कोट के नाम से प्रसिद्धि में आया, तब से लेकर आज तक इस जोधपुरी कोट ने फैशन की दुनिया में अपना स्थान बना रखा है और हर वर्ग के लोगों की पसंद बना हुआ है|

History of Jodhpuri Coat in Hindi

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