कुलधरा की खामोशी: जैसलमेर के पालीवालों की अनकही कहानी

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पालीवालों ने जैसलमेर से पलायन क्यों किया ?



जैसलमेर का कुलधरा गांव आज पर्यटन मानचित्र पर विश्व विख्यात है | कभी इस गांव में पालीवाल रहते थे, जो व्यापार और कृषि कार्य में पारंगत थे, वे आर्थिक रूप से भी काफी मजबूत थे, जिसका साबुत है उनके घरों के बचे हुए अवशेष | जिन्हें देखने के लिए विश्वभर के पर्यटक आते हैं | कहा जाता है कि इस क्षेत्र में पालीवालों के कई गांव थे, जो किसी वजह से एक साथ रातों रात गांव खाली कर पलायन कर गए |

पर्यटक वहां जाता है तो हर कोई उन्हें उनके पलायन की कहानी सुनाता है, लेकिन आज हम पालीवालों के पलायन की इतिहास के आईने से वह प्रमाणिक जानकारी देंगे, जो इतिहास की किताबों में दर्ज है | दरअसल उस काल में जैसलमेर रियासत का दीवान यानि प्रधानमंत्री था सालिम सिंह मेहता | सालिम सिंह को कर्नल टॉड ने जैन लिखा है पर स्थानीय सूत्रों की माने तो वह माहेश्वरी वैश्य था |

कर्नल टॉड कृत "राजस्थान का पुरातत्व एवं इतिहास" नामक पुस्तक भाग दो के पृष्ठ संख्या 583 पर लिखा है कि सालिम सिंह सर्प की तरह सूक्षम कूटनीति और शेर की तरह क्रूरता का व्यवहार करते हुए एक वर्ष में ही अपने शत्रुओं को नेस्तनाबूद कर दिया | टॉड ने लिखा कि "इस व्यक्ति ने जस्सा के जितने बेटों को यम लोक भेजा उतने लम्बी अवधि में बाहरी शत्रुओं की तलवारों से हताहत होकर भी नहीं गए |" एक तरह से सालिम सिंह बहुत ही क्रूर अत्याचारी व्यक्ति था, जो हर काम धोखे से करता था | उस वक्त के जैसलमेर के शासक मूलराज जी को भी उसने अपनी कठपुतली बना रखा था | यानि वह जो जो चाहता है करता था | पालीवालों के पलायन के पीछे भी यही व्यक्ति था | कर्नल टॉड कृत "राजस्थान का पुरातत्व एवं इतिहास" नामक पुस्तक भाग दो के पृष्ठ संख्या 583पर "सालिम सिंह का कुशासन" शीर्षक से कर्नल टॉड ने लिखा है - "जैसलमेर के धनि व्यापारियों की एक ही जाति है जो पालीवाल कहलाते हैं | ये पालीवाल भारतभर में बिखरे हुए है | इनके पांच हजार परिवार है | "

इन पालीवाल परिवारों को मंत्री सालिम सिंह ने खूब लूटा, कई परिवार तो जैसलमेर छोड़कर इसलिए नहीं जा पाते थे कि रास्ते में वह उन्हें मरवा देगा | सालिम सिंह की इसी लूट और अत्याचारों की वजह से पालीवालों ने एक साथ जैसलमेर राज्य से पलायन करना उचित समझा | सालिम सिंह के भ्रष्टाचार और स्वेच्छाचार पर टॉड ने लिखा है कि- "ऐसा कहा जाता है कि मंत्री ने कम से कम दो करोड़ रुपया जमा कर लिया है | जिसे उसने हिंदुस्तान के विभिन्न नगरों में नियोजित कर रखा है | यह धन राज्य के सर्वाधिक धनी परिवारों से बरबाद कर एवं लूट से इकट्ठा किया है | ऐसा भी कहते हैं कि राजघराने के सम्पूर्ण गहनों तथा मूल्यवान वस्तुओं पर भी मंत्री ने अधिकार कर लिया है और उन्हें राज्य के बाहर भेज दिया है |"

तो आप समझ सकते है कि पालीवालों ने जैसलमेर रियासत से पलायन क्यों किया ? उनके पलायन का कौन व्यक्ति जिम्मेदार था ? 

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