
रानी पद्मिनी

रावल समरसिंह के बाद उनका पुत्र रत्नसिंह चितौड़ की राजगद्दी पर बैठा | रत्नसिंह की रानी पद्मिनी अपूर्व सुन्दर थी | उसकी …
रावल समरसिंह के बाद उनका पुत्र रत्नसिंह चितौड़ की राजगद्दी पर बैठा | रत्नसिंह की रानी पद्मिनी अपूर्व सुन्दर थी | उसकी …
नहीं भाता किसी को पतझड़ का आना पर मैं चाहूँ की वो एक बार पलट के आये बच गए जो गम वो भी झड़ जाये अपने आँगन में जमा कर लो अ…
कहीं सफर में जो गिर पड़े तो, याद आएगी तुम्हे हमारी कभी जो आंशु निकल पड़े तो, याद आएगी तुम्हे हमारी कभी दूर हम निकल पड़े तो…
भारतीय इतिहास में खासकर राजस्थान के इतिहास में बलिदानों की गौरव गाथाओं की एक लम्बी श्रंखला है इन्ही गाथाओं में आपने म…
जग में आ के जाना हमने जग वालो का भेद निराला अरे जग में आ के जाना हमने जग वालो का भेद निराला ऊपर से है चेहरा गोरा अंदर स…
मनुष्य सदेव ही दूसरे को जानने में लगा रहता है |वह दूसरे के ज्ञान ,दूसरे के धन दूसरे के मान-सम्मान,दूसरे की कार्य प्रणाल…
पिछले दिनों ज्ञान दर्पण की साजसज्जा के लिए कई सारे टेम्प्लेट बदले गए ,टेम्पलेट की इसी अदला बदली में ब्लॉग पर लगे कई विज…
आजकल की भागदौड़ भरी जिन्दगी व अनियमित खान-पान व तनाव भरे माहौल में ज्यादातर लोग तरह तरह के रोगों से पीड़ित रहते है जिनमे…
कुँवरानी निशा कँवर नरुका जैसा कि आदरणीय श्री देवी सिंह जी महार साहब ने "हमारी भूलें" के जरिये यह समझाने का सफ…
आज हम सब गणतंत्र दिवस की ख़ुशी में झूम रहे है , आज ह ी के दिन दस स ाल पहले गुजरात के भुज मे एक आ…
कुँवरानी निशा कँवर जितनी जातीय वैमनष्यता आज है इतनी ज्ञात इतिहास ,लोक कथाओं और किंवदन्तियो में कही भी देखने को नहीं मिल…
जसवंत दे बूंदी के राव हाडा की पुत्री थी | हाडा वंश की यह राजकुमारी अत्यंत वीर व साहसी महिला थी | जोधपुर के महाराजा जसवं…
कुँवरानी निशा कँवर नरुका यदि कोई व्यक्ति रास्ते में चलते चलते ठोकर खा जाये, और लड़खड़ा कर गिर जाये तो यह एक सामान्य घटना …
मार्च 1672 : आज बादशाह औरंगजेब नारनोल से भाग आई अपनी सेना का मनोबल बढ़ा रहा था पर उसके मुग़ल सैनिक 5000 हजार सतनामी सम्प…
कुँवरानी निशा कँवर नरुका शूद्र शाब्दिक दृष्टि से आशुद्रव शब्द से व्युत्पित है जिसका अर्थ है शीघ्र ही द्रवित यानि पिघल ज…
मीरां मेड़ता के राव दूदा के पुत्र रत्न सिंह की पुत्री थी | बचपन में ही माता का देहांत हो जाने के कारण मीरां का लालन पाल…
कुँवरानी निशा कँवर नरुका धनवान होना या निर्धन होना अपने आप में कोई बुराई नहीं है|किन्तु चूँकि यह युग अर्थ युग है और इसम…
माफ कर दे मुझे में तेरे इश्क में शामिल न हो सका . मै ही अदना रह गया मुझे वो हक़ हासिल न हो सका . उतना प्यासा ना था मै…
आज जाना है की तड़प क्या होती हैं , किसी से बिछड़ने की कसक क्या होती हैं जितना करीब जाना था उसके वो उतना परे खिंच जाता है…