त्रासदी

pagdandi
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आज
हम सब गणतंत्र दिवस की ख़ुशी में झूम रहे है ,आज के दिन दस ाल पहले गुजरात के भुज मे एक आपदा आई थी
आज पुरे १० साल हो गए हैं पर कुछ परिवार और कुछ लोग आज भी इस हादसे से उबर नहीं पाए हें
जब ये त्रासदी हुई थी वक़्त अख़बार में आई खबरों से मन विचलित हो उठा था और मेने अपनी डायरी में कुछ पंक्तिया
लिख दी थी आज आप लोगो के समक्ष वही पुरानी पंक्तिया हें .....आप सब को गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये








जब समूचा देश थिरक रहा था ,गणतंत्रता की ख़ुशी में .

हर गाँव शहर नाच रहा था ,इसी गणतन्त्र की ख़ुशी में.

तभी भारत माता को भी एक शौक चरमराया थिरकने का .

अपनी ख़ुशी को नाचकर जाहिर करने का

अपनी भुजा उठाई 'भुज ' से, तो मच गई तबाही भूकंप से

अब इस माँ को कौन समझाए भला ,समझ लेंगे हम

गर ये मौन ख़ुशी करे जाहिर

इसके थिरकने से लगता है डर ,

इसकी थिरकन लाखो को कर देती है बेघर

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7टिप्पणियाँ

  1. गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....

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  2. आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।

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  3. धरा थिरकती है तो जानो स्थिर हर आकार हिला।

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  4. Har ek sabd mein sacchai aur dard hai,har koi chahta hai uski maa khush rahe aur woh uske chehre pe woh khushi dekh sake par dharti maa woh maa hai jisko aisa karna mana hai kyun ki uski khushi dusron ka gum banjaata hai.Main ye din kaise bhul sakta hun aaj hi ke din dus saal pehle jab hum sab school mein 9th std ka republic day celebrate kar rahe the tab ek buri khabar mili humari ek bahut acchi aur pyari dost Rakhi Nair jo school mein topper thi usne khud ko jala diya aur woh mar gayi :( bahut bura laga tha aur jab ghar pahunche toh ye khabar bhi suni toh dil seham gaya aur ek prathna karna laga ki he bhagwan sab thik ho jaaye aur ek sikh bhi thi ki kisi ek ki khushi ke liye kai baar bahut logon ko uski kimmat chukani padti hai.Jai Hind Jai Dharti Maa :)

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