(वि. 1788 ई. 1732) : शेखावाटी के फतहपुर परगने पर क्यामखानी नवाबों का राज्य था। कुछ समय पूर्व ही सीकर के शिवसिंह ने क्यामखानियों की फूट का लाभ उठाकर वहां के शासक सरदार खां को हटाकर उसके भाई मीरखां के पुत्र कामयाबखां को फतहपुर का नवाब बना दिया था। परन्तु नवाब कामयाब खां शिवसिंह की नीति अनुसार नहीं चला और उधर शिवसिंह व महाराजा सवाई जयसिंह जयपुर फतहपुर से क्यामखानी नवाब का शासन समाप्त कर देना चाहते थे।
अतः शिवसिंह व शार्दूलसिंह झुंझुनू ने सवाई जयसिंह की योजनानुसार फतहपुर पर माह वि० 1788 में आक्रमण किया। उधर फतहपुर का नवाब भी सेना लेकर आगे बढ़ा। दोनों सेनाओं के मध्य युद्ध हुआ। शेखावतों की विजय हुई। अतः फतहपुर का बूढा नवाब सरदार खां आदि क्यामखानी हरियाणा में चले गये। शिवसिंह का फतहपुर पर अधिकार हो गया। इस युद्ध का पूरा वर्णन शार्दूलसिंह व शिवसिंह के प्रसंग में कर दिया गया है। अतः यहां फिर से लिखने की आवश्यकता नहीं समझता।