सेठ पोद्दार और आईजी यंग को चवन्नी

Gyan Darpan
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Sant Thanedar Ramsingh Bhati
संत थानेदार रामसिंह भाटी की ईमानदारी की बात जन-सामान्य तक फ़ैल चुकी थी| तत्कालीन जयपुर राज्य के पुलिस महानिरीक्षक मि. यंग ने भी सुना कि उनकी पुलिस में एक ऐसा थानेदार है जो रिश्वत लेना तो दूर प्याऊ पर पानी भी मुफ्त में नहीं पीता| कहीं मुफ्त में खाना नहीं खाता किसी के भी दबाव में जाँच को प्रभावित नहीं करता| हर काम न्यायोचित करता है|
तब मि.यंग ने खुश होकर महात्मा थानेदार के नाम से प्रसिद्ध थानेदार रामसिंह को बुलवाया| अपने कार्यालय में आईजी ने थानेदार की ईमानदारी से खुश होकर उन्हें खाने के लिए दो संतरे भेंट किये| थानेदार ने संतरे लेकर तुरंत अपनी जेब से एक चवन्नी निकाली और आईजी साहब की टेबल पर रख दी|
आईजी यंग दुविधा में पड़ गया और थानेदार रामसिंह से कहने लगा- क्या मैं तुमसे इनकी कीमत लूँगा?
संत थानेदार ने विनम्रता से उत्तर दिया-"साहब बहादुर ! मैं मुफ्त की चीज नहीं खाया करता| सो मैं माफ़ी चाहता हूँ| आपको संतरों की कीमत लेनी ही होगी|
आखिर विवश होकर आईजी मि.यंग को संत थानेदार द्वारा दी गई चवन्नी लेनी ही पड़ी|
ठीक इसी तरह नवलगढ़ के धनाढ्य सेठ राजा रामदेव पोद्दार को भी थानेदार से एक चवन्नी मिली| एक दिन वे रेल गाड़ी से नवलगढ़ रेल्वे स्टेशन उतरे| उन दिनों राजस्थान में आवागमन का साधन ऊंट सर्वसुलभ था| सेठ पोद्दार के बाहर से कोई मेहमान आने वाला था सो उन्होंने मेहमान को लाने के लिए अपना सजा-सजाया ऊंट रेल्वे स्टेशन पर भेजा था| गाड़ी आई पर मेहमान नहीं आया| संयोग से गाड़ी से संत थानेदार उतरे जिन्हें ऊंटवान पहचानता था| सो उसने थानेदार साहब को ऊंट पर बैठा लिया और थाने ले आया| थानेदार ने ऊंट से उतरते ही ऊंटवान को धन्यवाद के साथ किराए के रूप में एक चवन्नी दी| ऊंटवान संकोच में पड़ गया क्योंकि करोड़पति सेठ का ऊंट कभी किराए पर नहीं चलता था| सो भला वह थानेदार से कैसे किराए ले सकता था| उसने किराया लेने से काफी मना किया पर थानेदार साहब कहाँ मानने वाले थे, आखिर ऊंटवान को किराए के रूप में चवन्नी लेनी ही पड़ी|

ऊंटवान ने सेठ की हवेली पहुँच सेठ को सारी कहानी बताते हुए चवन्नी सुपुर्द की| सेठ ने चवन्नी हाथ में ली, निरखा-परखा, मन ही मन मुस्कराये और चवन्नी को संभालकर तिजोरी में रख लिया और ऊंटवान से कहा-"यह चवन्नी संत थानेदार रामसिंह के हाथ की दी हुई है| हमारा सौभाग्य है कि हमें उनके हाथ की चवन्नी मिली, अपने बहुत यह काम आएगी|"

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