
इन्ही पोष्टिक आहारीय पूरकों में एलेवेरा (गवार पाठा ) का नाम आजकल सबसे ज्यादा चर्चित है | बाजार में एलोवेरा के उत्पादों के कई निर्माता लगे है जिनमे बाबा रामदेव व फॉरएवर लिविंग प्रोडक्ट मुख्य है | इनके उत्पादों में स्वास्थ्य को तंदुरुस्त बनाये रखने वाले उत्पादों के साथ साथ एलोवेरा जेल से बने सोंदर्य प्रसाधन के उत्पाद भी शामिल है | शहरों के अनियमित दिनचर्या जीने वालों के लिए एलोवेरा का रस किसी अमृत से कम नहीं है आईये आज चर्चा करते है इसी चर्चित स्वास्थ्य वर्धक एलोवेरा के बारे में -
एलोवेरा लिलेक परिवार का पौधा है जिसका उपयोग मनुष्य हजारों वर्षों से करता आ रहा है | दुनिया में २०० से अधिक प्रकार की किस्मो का एलोवेरा पाया जाता है | इसमें एलो बाबिड़ेंसिस को मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा लाभदायक मन जाता है | इस पौधे का रस बुढ़ापा प्रतिरोधी तत्व है | इसके प्रयोग से इंसान लम्बे समय तक अंदरूनी और बाहरी तौर पर जवान बना रह सकता है | पौधे का सबसे ज्यादा महत्वपूरण है इसका रस जिसे बाजार में एलो जेल के नाम से जाना जाता है | एलोवेरा का रस इसके पत्तों से तब निकला जाता है जब पत्ते तीन साल के हो जाते है | तभी उस रस में अधिकतम पोष्टिक तत्व मौजूद होते है | गवार पाठे का पौधा गरम और खुश्क जलवायु में पनपता है इसे ज्यादा खाद या सिंचाई की जरुरत नहीं होती | किसान अपनी खेतों के मेड़ों पर व बंजर पड़ी भूमि में भी इसकी खेती कर सकते है |
एलो के पौधे को संस्कृत में कुमारी कहते है इसके अलावा इसे भारत के विभिन्न भागों में इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे - ग्वार पाठा , कलामांडा , चित्र कुमारी ,धृत कुमारी , कार गंधक , लालेसरा ,कट्टर वाजा ,कुमार पट्टू , सिरु , कान्तिकुदोर ,कोरफेड आदि आदि | अपने बहुत से फायदों की वजह से एलोवेरा को चमत्कारी पौधा कहा जाता है | ग्रामीण लोग इसके चमत्कारों से वाकिफ होने के चलते इसका आसानी से बहुत से रोगों में प्रयोग करते है |
इसके रस में १८ अमीनो एसिड ,१२ विटामिन और २० खनिज पाए जाते है इसके अलावा कई अन्य अनजाने यौगिग तत्व भी इसमें पाए जाते है | इसके पत्तो से रस निकाल कर या इसका रस जिसे एलो जेल कहा जाता है बाजार से खरीदकर पिया जा सकता है | इसके रस को उबलब्ध तमाम स्वास्थ्य वर्धक पोष्टिक पूरकों में से सर्वश्रेष्ठ पूरक माना जाता है | प्राकृतिक उत्पाद होने के कारण न तो इसका कोई साइड इफेक्ट होता है और न ही इसके प्रयोग से कोई व्यक्ति इसका आदि होता है बल्कि यह जैविक रूप से शरीर के लिए एकदम उपयुक्त होता है | इसके रस के सेवन से जहाँ बीमार व्यक्ति अपना स्वास्थ्य ठीक कर सकता है वहीँ स्वस्थ व्यक्ति इसके सेवन से अपने स्वास्थ्य को बनाए रखकर अधिक समय तक जवान बना रह सकता है |
स्वास्थ्यवर्धक और गुणों से भरपूर एलोवेरा व उसके उत्पादों व विभिन्न बिमारियों में इसके उत्पादों के इस्तेमाल व ज्यादा जानकारी के लिए आप स्वास्थ्य सलाहकार रामबाबू सिंह से admin@aloe-veragel.com पर संपर्क कर सकते है या उनके ब्लॉग पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है |
ब्लाग हिट कराऊ एवम टिप्पणी खींचू तेल
गांव का लाल छाया इटली के अख़बारों में
शकीरा को नाचते हुए देखिये गुजराती गाने पर
सचमुच चमत्कारिक है घृत कुमारी !
जवाब देंहटाएंbahut shee jaankaaree.
जवाब देंहटाएंइस की खुशबू कड़वी है। हमारे यहाँ तो बरसात में इस का एक पत्ते में सुई से कुछ छेद कर के लोग दुकानों पर रोशनी के पास लटका देते हैं। उन का विश्वास है कि इस से बरसात में बिजली की रोशनी में आने वाले कीड़े कम आते हैं।
जवाब देंहटाएंदिनेश जी
जवाब देंहटाएंआपने तो एलोवेरा के उपयोग के बारे में एक और बढ़िया जानकारी दे दी | आभार |
बहुत सुंदर जानकारी, इसे चोट वगेरा पर भी पट्टी बांध कर लगाया जाता है जिस से सुजन कम हो जाती है, बहुत साल पहले देखा था यह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जानकारी,
जवाब देंहटाएंपंकज
रामबाबू की सलाह पर हमने तो इसका इस्तेमाल भी शुरु कर दिया है.
जवाब देंहटाएंसी से तो कुमार्यासव बनता है!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी दी है | हमारे आस पास तो पहले यह यूं ही खरपतवार की तरह पैदा होता था लेकिन आजकल बाकायदा इसकी खेती की जाने लगी है |
जवाब देंहटाएंthanyou for information
जवाब देंहटाएंये तो हमारी प्यारी भारत माता की अनुपम भेटें हे हमें ध्यान से देखा जाए तो अपने देश में जेहरिले पोधे भी काफी उपयोगी हें मित्रों इस ब्लॉग को देंखे इस पर भी काफी अछी जानकारियां हे योग और और्वेद के बारें में धनेय्वाद http://bharatyogi.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंमैं एलोविरा जूस का इस्तेमाल तो करती हूँ लेकिन आपने विस्तारपूर्वक इसके गुणों से अवगत कराया ......................धन्यवाद
जवाब देंहटाएंज्ञानवर्धक प्रस्तुति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
बहुत अच्छी जानकारी मिली ..
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