आमेर नरेश इनके पाटवी राजा थे राव शेखा अपनी युवावस्था में ही आस पास के पड़ोसी राज्यों पर आक्रमण कर अपनी सीमा विस्तार करने में लग गए और अपने पैत्रिक राज्य आमेर के बराबर ३६० गावों पर अधिकार कर एक नए स्वतंत्र कछवाह राज्य की स्थापना की |
अपनी स्वतंत्रता के लिए राव शेखा जी को आमेर नरेश रजा चंद्रसेन जी से जो शेखा जी से अधिक शक्तिशाली थे छः लड़ाईयां लड़नी पड़ी और अंत में विजय शेखाजी की ही हुई,अन्तिम लड़ाई मै समझोता कर आमेर नरेश चंद्रसेन ने राव शेखा को स्वतंत्र शासक मान ही लिया | राव शेखा ने अमरसर नगर बसाया , शिखरगढ़ , नाण का किला,अमरगढ़,जगन्नाथ जी का मन्दिर आदि का निर्माण कराया जो आज भी उस वीर पुरूष की याद दिलाते है |

राव शेखा दुष्टों व उदंडों के तो काल थे एक स्त्री की मान रक्षा के लिए अपने निकट सम्बन्धी गौड़ वाटी के गौड़ क्षत्रियों से उन्होंने ग्यारह लड़ाइयाँ लड़ी और पांच वर्ष के खुनी संघर्ष के बाद युद्ध भूमि में विजय के साथ ही एक वीर क्षत्रिय की भांति प्राण त्याग दिए |
राव शेखा की मृत्यु रलावता गाँव के दक्षिण में कुछ दूर पहाडी की तलहटी में अक्षय तृतीया वि.स.१५४५ में हुई जहाँ उनके स्मारक के रूप में एक छतरी बनी हुई है | जो आज भी उस महान वीर की गौरव गाथा स्मरण कराती है | राव शेखा अपने समय के प्रसिद्ध वीर.साहसी योद्धा व कुशल राजनिग्य शासक थे,युवा होने के पश्चात उनका सारा जीवन लड़ाइयाँ लड़ने में बीता |
और अंत भी युद्ध के मैदान में ही एक सच्चे वीर की भांति हुआ,अपने वंशजों के लिए विरासत में वे एक शक्तिशाली राजपूत-पठान सेना व विस्तृत स्वतंत्र राज्य छोड़ गए जिससे प्रेरणा व शक्ति ग्रहण करके उनके वीर वंशजों ने नए राज्यों की स्थापना की विजय परम्परा को अठारवीं शताब्दी तक जारी रखा,राव शेख ने अपना राज्य झाँसी दादरी,भिवानी तक बढ़ा दिया था | उनके नाम पर उनके वंशज शेखावत कहलाने लगे और शेखावातो द्वारा शासित भू-भाग शेखावाटी के नाम से प्रसिद्ध हुआ,इस प्रकार सूर्यवंशी कछवाहा क्षत्रियों में एक नई शाखा "शेखावत वंश"का आविर्भाव हुआ | राव शेखा जी की मृत्यु के बाद उनके सबसे छोटे पुत्र राव रायमल जी अमरसर की राजगद्दी पर बैठे जो पिता की भाँती ही वीर योद्धा व निपूण शासक थे |
वाह !!
जवाब देंहटाएंबधाइयां :)
आपकी इस नई शुरुआत के लिए.
रैंक की चिंता मत करें, यह तो कुछ दिन में ही ऊपर आएगी. पर एक खुशखबरी है कि यह गूगल सर्च इंजन में पहले पेज पर सूचीबद्ध हो चुकी है. :)
thanks E-Guru Rajeev
जवाब देंहटाएंनए ज्ञान दर्पण के लिए बधाई और आपने हमेशा की तरह राजपूत शासको के बारे में जो जानकारी दी उसका आभार और धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंतकनीकी जानकारी देने के साथ-साथ इतिहास व संस्कृति के गौरवशाली पन्नों से लोगों को परिचित कराने का यह प्रयास बहुत अच्छा लगा। आभार।
जवाब देंहटाएंhukum sarahniy kadam h samaj aapka aabhari h
जवाब देंहटाएंjai rajputana
जवाब देंहटाएंaur ye ek bahut badiya madhyam hai history ke bare ne janne ka.
thanks hkm keep it up.
Dhanyawaad hukum............bahut hi durlab cheeze dene ke liye aabhari hai ham aapke .......
जवाब देंहटाएंSaadar Dhanyawad Hukum ............ Kuch Durlab Gyan Dene k liye aapke aabhari hain hum.........
जवाब देंहटाएंthis is huge collection of Rajasthan GK keep it up.
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