कूच बिहार राजमहल: राजवंशी समुदाय की रॉयल विरासत की कहानी

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 "कूच बिहार राजमहल: राजवंशी समुदाय की रॉयल विरासत की कहानी"


पूर्वोत्तर भारत के पश्चिम बंगाल में बसा एक शांत शहर – नाम है कूच बिहार। और इसी कूच बिहार शहर में स्थित है एक भव्य राजमहल, जो न सिर्फ स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि एक राजवंश की गौरवशाली गाथा भी कहता है। कभी इस महल में दुनिया की सबसे खुबसूरत महिला, जयपुर की महारानी गायत्री देवी का बचपन बीता था, आज हम आपको ले चलते हैं –महारानी गायत्री देवी की बालक्रीड़ा के मूकदर्शक कूच बिहार राजमहल की सैर पर। ..

"कूच बिहार राजमहल को विक्टोरियन इटालियन वास्तुकला में 1887 में बनवाया गया था। इसे बनवाया था – महाराजा नृपेन्द्र नारायण ने । उस समय वह कूच बिहार रियासत के सबसे प्रगतिशील और आधुनिक सोच वाले शासकों में माने जाते थे।

इस महल का डिज़ाइन, बकिंघम पैलेस, लंदन से प्रेरित बताया जाता है। इस महल की लंबाई लगभग 395 फीट और चौड़ाई 296 फीट है। इसके केंद्रीय भाग में एक विशाल गुंबद है, जिसकी ऊंचाई लगभग 124 फीट है, जो इसे दूर से ही एक पहचान देता है। महल के अंदर कई भव्य हॉल, बॉलरूम, रानियों के कक्ष, और पूजा स्थल हैं। दीवारों और छतों पर की गई बारीक नक्काशी, विदेशी फर्नीचर और यूरोपीय चित्रकला इसकी विलासिता को दर्शाते हैं।"

कूच बिहार रियासत एक समय में असम और बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में फैली हुई थी। महाराजा नृपेन्द्र नारायण आधुनिक शिक्षा, रेलवे, और स्वास्थ्य सेवाओं के समर्थक थे। उनकी पत्नी महारानी सुनीति देवी भारत की उन महिलाओं में थीं, जिन्होंने महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया। उन्होंने कई स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना भी की।

आज यह महल एक प्राचीन स्मारक के रूप में संरक्षित है और इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा देखा जाता है। महल का कुछ भाग आज एक म्यूज़ियम के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ रियासत के कालीन, हथियार, वस्त्र और चित्रों को देखा जा सकता है। म्यूज़ियम काफी संख्या में देवी देवताओं की प्रतिमाएं भी रखी है जिनकी कला देखते ही बनती है | दीवारों पर यहाँ के राजवंश के विभिन्न सदस्यों के चित्र लगे हैं, जो देश की ऐतिहासिक धरोहर है | 

हर साल हजारों पर्यटक इसकी भव्यता को देखने आते हैं। लेकिन पुरातत्व विभाग के कर्मचारी इस ऐतिहासिक विरासत का महत्त्व नहीं समझते और इस महान रियासत के नक़्शे को देखिये किस तरह कबाड़ के पास रखा है |

इसे देखकर सभी के मन विचलित हुए और सुदर्शन टीवी के मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश चव्हाणके ने इस तरह अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार से मांग की कि इस धरोहर का समुचित रख रखाव किया जाए |  यही नहीं विभाग के गाइड द्वारा गलत जानकारी देने पर माननीय  राज्यसभा सांसद अनंत महाराज गाइड पर यूँ भड़के और गाइड को डांट  लगाईं |  

क्या आप जानते हैं कि कूच बिहार राजमहल का नक्शा एक अंग्रेज़ वास्तुकार द्वारा तैयार किया गया था? इस महल में उस समय बिजली और पानी की आधुनिक व्यवस्था थी, जब भारत में ये चीजें बहुत दुर्लभ थीं! यह कूच बिहार रियासत का यह एक ऐसा महल है जिसे पश्चिमी शैली में पूरी तरह डिज़ाइन किया गया है। कूच बिहार राजमहल, सिर्फ ईंटों और पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि एक पूरे युग का जीवंत इतिहास है।

अगर आप भारत की सांस्कृतिक धरोहर से प्रेम करते हैं, तो यह जगह आपकी यात्रा सूची में जरूर होनी चाहिए।

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फिर मिलते हैं एक और अनकही कहानी के साथ। धन्यवाद!" जय हिन्द, जय भारत, जय शिव चंडी 


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