गूगल ने आयोजित की हिंदी ब्लॉगर्स मीट

Gyan Darpan
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भारत में बढ़ते इन्टरनेट बाजार को ध्यान में रखते हुए गूगल ने इन्टरनेट पर हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किये है. ताकि लोग हिंदी में वेब साइट्स और ब्लॉगस पर ज्यादा से ज्यादा जानकारियां दें और गूगल सर्च इंजन के माध्यम में हिंदी भाषियों को उनकी अपनी मातृभाषा में चाही गई जानकारी के खोज परिणाम उपलब्ध करा सके. इससे एक तरफ भारत में हिंदी भाषी लोगों को अपनी भाषा में उनकी पसंद की जानकारियां मिलेगी, वहीं गूगल को भी हिंदी ब्लॉगस व वेब साइट्स पर विज्ञापन के माध्यम से कमाई होगी.

इंटरनेट पर हिंदी ब्लॉग लेखक ज्यादा से ज्यादा सामग्री लिखे और गूगल परिणाम खोज के मानकों को ध्यान में रखें तो वह ज्यादा से ज्यादा खोज परिणामों में आकर पाठकों की पहुँच में पहुंचेगी. इसी उद्देश्य को लेकर गूगल आजकल हिंदी ब्लॉग लेखकों के साथ संवाद बनाये हुए है. अपने गुडगांव कार्यालय में इसके लिए समय समय पर ब्लॉगर्स के साथ बैठकें कर Hindi Bloggers को search engine optimization के बारे में बताया जाता है ताकि ब्लॉगर्स अपने ब्लॉग में कंटेंट इस तरह लिखें जो गूगल खोज परिणामों के अनुकूल हो और ब्लॉग पर ज्यादा से ज्यादा पाठक आये.

इस तरह की एक Hindi Bloggers Meet गूगल के गुडगाँव ऑफिस में कल आयोजित की गई, जिसमें ज्ञान दर्पण.कॉम के साथ www.mybigguide.com ब्लॉग के लेखक अभिमन्यू व उनके एक साथ ने भाग लिया. अन्य कई हिंदी ब्लॉगर्स ने मीटिंग में गूगल हैंगआउट के जरिये सीधे अपने घर से भाग लिया. इस Hindi Bloggers Meet With Google hangouts on air में गूगल की और से आशीष ने वेब मास्टर टूल के इस्तेमाल से अपने ब्लॉगस के प्रमोशन के कई Tech-Tips बताये. आशीष के अनुसार ब्लॉग या वेब साईट की पेज लोड स्पीड ठीक होनी चाहियें, ब्लॉग पोस्ट में जो भी फोटो लगायें उसका आकर छोटा हो, जो आसानी से कम स्पीड वाले इन्टरनेट पर भी खुल जाए, सर्च इंजन को साफ पता होना चाहिए कि आपके ब्लॉग पर किस भाषा में जानकारियां है, कंटेंट का स्तर अच्छा होना चाहिए, ब्लॉग या वेब साईट मोबाइल के अनुकूल Mobile Friendly होना चाहिए, लेख में कंटेंट ऐसा होना चाहिए कि पाठक सर्च इंजन से खोजता हुआ आपके ब्लॉग पर आये तो उसे उसकी पसंद की जानकरियां मिले, वह अपने आपको ठगा हुआ महसूस नहीं करे. कई लोग अपने ब्लॉग पर सर्च किये जाने वाले कई कई शब्द लिखकर एक पोस्ट डाल देते है, जो सर्च इंजन के खोज परिणामों में भी ऊपर आ जाती है पर वहां आकर पाठक को कुछ नहीं मिलता और वह अपने आपको ठगा हुआ महसूस करता है. इस तरह का कंटेंट गूगल की पॉलिसी के खिलाफ भी है.

गूगल के वेब मास्टर आशीष ने बताया कि किसी भी लेख में एक ही भाषा का प्रयोग हो तो अच्छा होता है, इससे सर्च इंजन को खोजने में सुविधा रहती है, यदि दो भाषाओँ वाला लेख होता है तो सर्च इंजन कंफ्यूज होकर उस बढ़िया लेख को इग्नोर कर देता है. इस तरह आपके द्वारा दी गई अच्छी गुणवत्ता वाली जानकारी भी पाठकों तक पहुँचने से वंचित रह जाती है. हिंदी ब्लॉग पोस्ट में पर्मालिंक Permalink हिंदी में नहीं बनते, इसके लिए Permalink को अंग्रेजी में बनाने के प्रश्न पर आशीष ने इसे अच्छी प्रेक्टिस बताया. साथ ही वादा किया कि वे ब्लॉगर टीम से हिंदी में Permalink बनाने की सुविधा जोड़ने का आग्रह करेंगे.

इस बैठक में आशीष ने कई हिंदी ब्लॉग का SEO विश्लेषण भी किया था पर समयाभाव के चलते उस विश्लेषण पर चर्चा नहीं हुई. सो आशीष ने वायदा किया कि जिन ब्लॉगस का विश्लेषण किया गया है वह उन्हें व्यक्तिगत तौर पर मेल कर दिया जायेगा.

कुलमिलाकर गूगल का इन्टरनेट पर हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का यह सराहनीय प्रयास है और मैं गूगल की ओर से इस प्रयास में जुटे मुकुट चक्रवर्ती का हार्दिक आभारी हूँ, जो समय समय पर हम हिंदी ब्लॉग लेखकों को तकनीकि जानकारियां देकर सहयोग करते रहते है.
कल हुई बैठक को आप भी निम्न विडियो के जरिये सुनकर वेब मास्टर आशीष द्वारा बताई बातों का फायदा उठा सकते है.

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4टिप्पणियाँ

  1. ऐसे प्रयास होते रहे तो निश्चित ही हिंदी ब्लॉगिंग नए आयाम तक पहुंचेगी।

    http://chlachitra.blogspot.in/
    http://cricketluverr.blogspot.in/

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (31-05-2015) को "कचरे में उपजी दिव्य सोच" {चर्चा अंक- 1992} पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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  3. बहुत अच्छा सराहनीय प्रयास है
    निश्चित ही इससे हिंदी लेखन को बढ़ावा मिलेगा ...
    जानकारी प्रस्तुति हेतु आभार!

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