रामदान रै कुंवरडै री सगाई

दोय साढू

सेर नै लखमण

वडौ कुण ?

धाड़ौ (डाका)

जूनौ खेड़ौ-खेड़

कवियां रौ कलपतरू मानसिंघ

लोकदेवी-सूंक

जब राजपुतानियों के हाथों में तलवारें देख भागा था मेजर फोरेस्टर

कुजड़बो शौक

कुजड़बो शौक

जीभां री लपालोळ