
सुहाग पर भारी पड़ा राष्ट्र के प्रति कर्तव्य

रावल अखैसिंह की मृत्युपरांत सन १७६२ में रावल मूलराज जैसलमेर की राजगद्दी पर बैठे | उनके शासन काल में उनका प्रधानमंत्री स…
रावल अखैसिंह की मृत्युपरांत सन १७६२ में रावल मूलराज जैसलमेर की राजगद्दी पर बैठे | उनके शासन काल में उनका प्रधानमंत्री स…
'बधाई ! बधाई ! तुर्क सेना हार कर जा रही है | गढ़ का घेरा उठाया जा रहा है |" प्रधान बीकमसीं(विक्रमसिंह) ने प्रस…
जयपुर के महाराजा जयसिंह जी ने बड़ी लगन और हसरतों के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए जयपुर नगर बसाया | देश विदेश से न…
एक बार एक बंजारा (व्यापारी)व बंजारी हाथी पर बैठे जंगल से चले जा रहे थे | बंजारे की बालद आगे जा चुकी थी | जंगल में एक गड…
एक राजा के एक कुंवर था जो बिलकुल अनपढ़ व मुर्ख था | मां-बाप के लाड प्यार ने उसे पूरी तरह बिगाड़ रखा था | ऊपर से उस बिगडैल…
उदयपुर के महाराणा राजसिंह जी एक बार रूपनगढ़ पधारे हुए थे | एक दिन सुबह सुबह ही उन्होंने महल के झरोखे में खड़े होकर मूंछो…
जोधपुर के महाराजा जसवंतसिंह राजस्थान के इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्ति रहे है | वे शाहजहाँ व औरंगजेब के ज़माने में देश की रा…
राजस्थान का हर दुर्ग,किला,गढ़,गढ़ी,पहाड़,घाटी,दर्रे,व एक एक हथियार शौर्य व समृद्ध इतिहास से जुड़ा है | इतिहासकारों के अ…
एक गांव में एक ताऊ रहता था उसकी पत्नी ताई बहुत खुर्राट थी उसने नियम बना रखा था कि सुबह उठते ही घर के बाहर एक नियत जगह प…
तुम आती हो जाती हो , तुम आती हो जाती हो दिन हो या रात बस हर पल चलती रहती हो थक जाती होगी ना ? आस मे रहती हो की श…
राजस्थान में राजपूत शासन काल में चारण जाति के एक से बढ़कर एक कवि हुए है,इन चारण कवियों व उनकी प्रतिभा को राजपूत राजाओं न…
सर प्रतापसिंह जी जोधपुर के महाराजा तख़्तसिंह जी के छोटे पुत्र थे,वे जोधपुर के राजा तो नहीं बने पर जोधपुर राज्य में हुक्म…
कुँवरानी निशा कँवर सभ्यता और संस्कृति ,संस्कार और व्यवहार ,खान-पान और रहन-सहन,चाल-ढाल ,बोली-भाषा के आकलन से किसी भी व्य…
मारवाड़ में उस वर्ष सूखा पड़ा था,खेतों में पुरे वर्ष खाने लायक बाजरा तक पैदा नहीं हुआ ऐसे में जोधपुर से कुछ कोस दुरी पर…
संवत १७४० के आसपास मेवाड़ के सूळवाड़ा नामक गांव में चारण जाति के कविया गोत्र में कवि करणीदान जी का जन्म हुआ वे राजस्थान …
बादशाह औरंगजेब मेवाड़ के महाराणा राजसिंह से बहुत ईर्ष्या रखता था |वह मेवाड़ पर आक्रमण हेतु हमेशा किसी न किसी बहाने की त…
गुजरात का बादशाह महमूद शाह अपने अहमदाबाद के किले में मारवाड़ से आई जवाहर पातुर की बेटी कंवल को समझा रहा था , " मेर…