Kuldevi Lok Devta
12:07 pm
इसलिए आज भी स्थानीय लोगों द्वारा पूजे जाते हैं सामंत अलखाजी

अलखाजी रियासती काल में शेखावाटी के एक छोटे से जमींदार थे | उनके अधीन महज कुछ गांव ही थे, पर उन्होंने ऐसा क्या किया कि ल…
अलखाजी रियासती काल में शेखावाटी के एक छोटे से जमींदार थे | उनके अधीन महज कुछ गांव ही थे, पर उन्होंने ऐसा क्या किया कि ल…
सत्रहवीं शताब्दी के महान संत सुधारक बाबा कीनानाथ जी का जन्म सन 1684 ई. में वाराणसी जिले के चंदौली तहसील के रामगढ में हु…
योगी आदित्यनाथ ने संन्यासियों के प्रचलित मिथक को तोड़ा। धर्मस्थल में बैठकर आराध्य की उपासना करने के स्थान पर आराध्य के द…
नरेना रेल्वे स्टेशन से कस्बे को जो सड़क आती है उस पर सड़क से करीब एक किमी दूरी पर राजर्षि रणसीजी तंवर का मन्दिर बना हुआ…
शौर्य, भक्ति कला का संगम महाराजा सावंतसिंह (नागरीदास) वि.स. 1766 (1709 ई.) का एक दिन दिल्ली में बादशाह का एक हाथी बिगड़ …