
रानी अवंतीबाई

भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र आन्दोलन सन 1857 में प्रचण्ड रूप से हुआ था. देश के बहुत सारे राजा, महारा…
भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र आन्दोलन सन 1857 में प्रचण्ड रूप से हुआ था. देश के बहुत सारे राजा, महारा…
चितौड़ की रानी पद्मिनी अपनी बहादुरी, त्याग, बलिदान व अप्रितम सौन्दर्य के लिए इतिहास में विश्व विख्यात है, रानी पद्मिनी क…
उदयपुर के महलों में राणा जी ने आपात सभा बुला रखी थी| सभा में बैठे हर सरदार के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ़ नजर आ रही थी…
गर्मियों का मौसम था बाड़मेर संभाग में रेत के टीले गर्मी से गर्म होकर अंगारों की तरह दहक रहे थे| लूएँ ऐसे चल रही थी कि बा…
रावल अखैसिंह की मृत्युपरांत सन १७६२ में रावल मूलराज जैसलमेर की राजगद्दी पर बैठे | उनके शासन काल में उनका प्रधानमंत्री स…
अल्लाउद्दीन खिलजी के सेनापति ने दक्षिण भारत पर विजय प्राप्त करने से पूर्व रास्ते में एक छोटे से राज्य के राजा कर्णसिंह …
मेवाड़ के महाराणा संग्रामसिंह का पुत्र विक्रमादित्य विलासी और योग्य शासक था | मेवाड़ राज्य की बागडोर जब उसके हाथ में आई…
सब कह रहे है कि आज महिला दिवस है.... अच्छा ? फिर ठीक है भाई सबको महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये महिला दिवस पर कुछ ऐस…
रावल समरसिंह के बाद उनका पुत्र रत्नसिंह चितौड़ की राजगद्दी पर बैठा | रत्नसिंह की रानी पद्मिनी अपूर्व सुन्दर थी | उसकी …
भारतीय इतिहास में खासकर राजस्थान के इतिहास में बलिदानों की गौरव गाथाओं की एक लम्बी श्रंखला है इन्ही गाथाओं में आपने म…
जसवंत दे बूंदी के राव हाडा की पुत्री थी | हाडा वंश की यह राजकुमारी अत्यंत वीर व साहसी महिला थी | जोधपुर के महाराजा जसवं…
मीरां मेड़ता के राव दूदा के पुत्र रत्न सिंह की पुत्री थी | बचपन में ही माता का देहांत हो जाने के कारण मीरां का लालन पाल…