मुसीबत में मुख्यमंत्री राजे की उम्मीदवारी : रद्द हो सकता है नामांकन

Gyan Darpan
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राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे को चुनाव में घेरने के लिए कांग्रेस ने मानवेन्द्र सिंह जसोल को उनके आगे चुनाव में उतारा है वहीं समता आन्दोलन समिति ने निर्वाचन आयोग से राजे द्वारा चुनाव आचार संहिता के उलंघन की शिकायत कर मुसीबत खड़ी कर दी है, आपको बता दें चुनाव आचार संहिता के उलंघन पर वसुंधरा राजे की उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती है, उनका नामांकन खारिज हो सकता है | इस तरह समता आन्दोलन समिति ने मुख्यमंत्री राजे के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है आईये जानते है क्या है ये मुसीबत ! ऐसा क्या किया राजे ने, जिससे आचार संहिता का उलंघन हो गया|

कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक प० 7(3) कार्मिक/क-2/2008 दिनांक 05-10-2018 को रिव्यू करने एवं स्थगित करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा जारी अधिविक आदेशों को रुकवाने व चुनाव आचार संहिता के उलंघन के आरोप लगाते हुए समता आन्दोलन समिति ने राजे को चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, नई दिल्ली, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, भारत निर्वाचन आयोग, राजस्थान सरकार, राज्यपाल राजस्थान व मुख्य शासन सचिव जयपुर को ज्ञापन दिया है|

चूँकि यह मामला प्रमोशन में आरक्षण से जुड़ा है अत: समता आन्दोलन समिति ने इस ज्ञापन के साथ 20 ऐसे अनुसूचित जाति एवं जनजाति के वर्तमान विधानसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के शपथ पत्रों की प्रतिलिपि भी संलग्न की है| आपको बता दें उक्त प्रत्याशी पदोन्नति में आरक्षण, अजा-अजजा वर्ग से क्रीमीलेयर को आरक्षण से बाहर करने के सर्वोच्च न्यायलय के निर्णयों को अक्षरशः क्रियान्वित करवाना चाहते हैं| अब देखने वाली बात यह है कि क्या चुनाव आयोग आचार संहिता के उलंघन की शिकायत पर क्या कार्यवाही करता है? समिति के अध्यक्ष पराशर नारायण शर्मा के अनुसार राजे का नामांकन निरस्त हो सकता है, यदि चुनाव ने आयोग ने कोई कार्यवाही नहीं की तो वे उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे| ऐसे में वसुंधराराजे की उम्मीदवारी खतरे में है| यदि इस मुद्दे पर निर्णय में समय लगा और इस बीच चुनाव सम्पन्न हो गए और राजे जीत भी गई तो उनका चुनाव रद्द हो सकता है| इस तरह समता आन्दोलन समिति ने राजे के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है|

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