विद्याधरनगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस द्वारा विक्रमसिंह शेखावत की टिकट काटकर सीताराम अग्रवाल को देने व विक्रमसिंह शेखावत द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने की जिद राजपूत समाज के पैरों पर राजनैतिक कुल्हाड़ी साबित होने जा रही है| हालाँकि राजपूत समाज के क्षत्रिय युवक संघ सहित सभी सामाजिक संगठन विक्रमसिंह शेखावत को चुनाव से हटने के लिए मनाने में जुटे हैं, लेकिन कुछ लोगों के बहकावे के कारण अभी भी वे चुनाव मैदान में डटे हैं| समाज नेता मानते हैं कि उनके चुनाव लड़ने से कांग्रेस को नुकसान होने के बजाय भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ रहे नरपतसिंह राजवी को नुकसान उठाना पड़ेगा|
समाज के शीर्ष नेताओं, बुद्धिजीवियों व समाजसेवियों का मानना है कि विद्याधरनगर से यदि नरपतसिंह राजवी हार गए तो भविष्य में इस सीट पर राजपूत प्रत्याशी का दावा ही समाप्त हो जायेगा और यह सीट हमेशा के लिए समाज के खाते से निकल जायेगी| यही कारण है कि राजपूत समाज का हर जागरूक व समझदार व्यक्ति नरपतसिंह राजवी की जीत सुनिश्चित करने में लगा है| आपको बता दें कांग्रेस ने विक्रमसिंह शेखावत की जगह सीताराम अग्रवाल को टिकट देकर पार्टी में इस सीट की राजपूत दावेदारी हमेशा के लिए खत्म कर दी है, यदि नरपतसिंह राजवी इस बार हार गए तो अगली बार भाजपा भी शायद ही यहाँ किसी राजपूत को टिकट दे|
खबर लिखे जाने तक सामाजिक संगठनों द्वारा विक्रमसिंह शेखावत को मनाने की कार्यवाही जोर शोर से चल रही है| साथ ही विक्रमसिंह शेखावत के ना मानने पर डैमेज कंट्रोल करने पर भी मंथन चल रहा है|