
सू्र्य जैसी चमक आपकी,
शेखा तेरा नाम है । लाखाे तेरे सगे संबंधी,
अमर तेरा नाम है ।1।
सुसंस्कृत विचार आपके,
जीवन गीता जैसा सार है ।
सुकुर्मो से शेखा सपना,
कर गया साकार है ।2।
शाही, स्वामी, समाजसेवी,
अनेक आपके नाम है ।
कुशल याेद्धा, सुकुमार,
तुझे बार बार प्रणाम है ।3।
धर्म निरपेक्ष, धर्मात्मा ,
धरा रक्षक, धर्म प्रेमी ।
सहयोग, संगठन, शास्त्र,
शस्त्र सब में पराक्रमी ।4।
काैम के लिए मरने वाला ।
शेखा एक मिसाल है,
माेकल जी का नन्दलाला ।5।
शक्ल, सूरत, सज, धज,
सवारी एक शान थी ।
शब्द नहीं मिल रहे भाईयाे,
शेखा गुणाे की खान थी ।6।
सांराश सारे जीवन का,
समाज काे संगठित करना था।
सभी काे साथ लेकर,
सत्य के लिए लड़ना था ।7।
दिलेरी ओर बहादुरी से,
जीवन जीया आपने ।
दुश्मन तेरे नाम से,
डर के मारे लगता कांपने ।8।
सीख ले रही कौम,
शेखा तेरे जीवन से ।
आशीस चाह रहा "महेन्द्र"
माेकल जी के श्रवण से ।9।
(सभी भाईयो काे महाराव शेखा जी पर लिखी कविता समर्पित करता हूँ और निवेदन करता हूँ कि यह दुनिया के हर भाई बहन ओर मिलने वाले के पास पहुंचा दाे ताकि शेखावतों व उनके सभी सगे संबंधियो काे गर्व महसुस हाे)
कवि : महेन्द्र सिंह राठौड़ "जाखली"
मकराना जिला नागाैर (राजस्थान) 09928007861