Lion of the chittore : मेड़ता राे याैद्धा

Gyan Darpan
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संदेशो मिल्याे महाराणा राे,
पहुंच गयाे चिताैड़ ।
परवाह नहीं की प्राणा री,
जयजय जयमल राठौड़ ।1।

ताेड़ता दीवार न दुश्मण,
जयमल रात्यूं चिणताे हाे ।
भेद सक्या न गढ़न दुश्मण,
शेर रात्यु फिरताे हाे ।2।



दाेन्यु हाथा में तलवारा,
कल्ला के कांधे बैठ्याे हाे ।
चिर दियाे दुश्मण राे कलेजाे,
एडाे़ वीर मेड़तियाे हाे ।3।

चंडी चढी़ तलवार पर,
दुश्मण राे खून पिवण ।
धरती खून सु सींचदी,
कुर्बान थाराे जीवण ।4।

मेवाडी़ आन री खातीर,
बलीदानी आगे आयो हाे ।
सीना सु ही झेल्या खंजर,
पीठ नहीं दिखायाे हाे ।5।

रणबांकुराे सेना पति,
आण बाण री खाण ।
रक्षा करी मेवाड़ री,
त्याग्या लड़ता प्राण ।6।

भीड़ पडी़ चिताैड़ में,
जयमल ,फत्ताे आयाे हाे ।
साथ्यां सेत्यु हुयाे शहीद,
इतिहास में नाम लिखायाे हाे ।7।

काटता काटता कट गयाे,
शीश देश री खातीर ।
झुक्याे काेनी युद्ध में,
मां धरती री खातीर ।8।

धरम युद्ध लड़ता लड़ता,
वीर गति पाई ही ।
स्वामी भक्ति थारी जेडी़,
देश ने राह दिखाई ही ।9।

सम्मान राख्याे मेवाड़ राे,
मारवाड़ थार साथ हाे ।
भक्त जयमल थारे पाछे,
जय चारभुजा राे हाथ हाे ।10।

जयमल जेडा़ वीर धरती पर,
बिरलै ही जन्मे है ।
क्षत्रियो माथो ऊंचाे कराे,
एडा़ वीर कुळ में है ।11।

लड़ता लड़ता काम आता,
गहरा खाता घाव ।
युद्ध राे सुणता ही,
बांके, कांई चढ़ताे चाव ।12।

धन्य धन्य धरती थारी,
धन्य मायड़ बाप है ।
काज करयाे गहराे जयमल,
छाेडी़ गहरी छाप है ।13।

खून री प्यासी तलवार ने,
जयमल फत्ता थामी ही ।
युद्ध हुयाे घणाे जाेरकाे,
बैरी सेना रांभी ही ।14।

अमर बलीदानी चिताैड़ री,
याद रखबा लायक है ।
भूत भविष्य राे याेद्धा,
जयमल महा नायक है ।15।

लॉइन अॉफ चिताैड़,
इतिहासकार खैवे है ।
मान राखज्याे धरा राे,
जयमल सीख देवे है ।16।

युवा पीढी सीख ल्याे,
जयमल सू गुण नेक ।
भक्त याेद्धा वीर त्यागी,
ईरा आदर्श है अनेक ।17।

मरणाे है ताे ऐड़ा मराे,
माैत आवै काम ।
मां धरा री लाज बचावता,
शीश चढ़ायाे पॉव ।18।

क्षत्रियो की अक्सर शादी,
मौत सू हुआ करती ही ।
तलवार बांरे साथ में,
बिस्तर माथे सोती ही ।19।

जयमल वीर शिरोमणी,
धरती राे मान बढ़ायाे है ।
थारी वीर गाथा ने आज,
"महेन्द्र जाखली"गायाे है ।20।

कवि महेन्द्र सिंह राठौड़ "जाखली"
जिला नागौर (राजस्थान)9928007861

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