राजपूत छात्रावास भवनों की जर्जर हालात चिंताजनक : अभिमन्यु राजवी

Gyan Darpan
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राजस्थान के शहरों व जिला मुख्यालयों पर स्कूल कालेजों में शिक्षा के लिए गांवों से आने वाले छात्रों के लिए अलग अलग जातिय छात्रावास बनें है, जहाँ गांवों से आये छात्र अपने अपने जातिय समाज द्वारा संचालित सस्ते आवास शुल्क व सुरक्षित छात्रावासों में रहकर अपने स्वजातिय छात्रों के साथ शिक्षा ग्रहण करते है| किसान छात्रावासों, ब्राहमण छात्रावासों, जैन, अग्रवाल, माहेश्वरी, चारण आदि विभिन्न जातिय छात्रावासों की तरह ही प्रदेश के बड़े शहरों व जिला मुख्यालयों पर राजपूत छात्रावास भी बनें है, जहाँ सस्ते में या फिर नाम मात्र का आवासीय शुल्क चुकाकर राजपूत छात्र वहां रहते हुए विभिन्न शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करते है|

लेकिन रखरखाव व व्यवस्था के नाम पर अन्य सामाजिक छात्रावासों की व्यवस्थाओं व सुविधाओं के मामले में राजपूत छात्रावास काफी पीछे है| प्रदेश में ऐसे बहुत से राजपूत छात्रावास है जिनकी बनाने के बाद शायद ही आज तक मरम्मत हुई हो| जिन छात्रावासों के भवनों की मरम्मत भी हुई है तब भी उनमें वहां रहने वाले छात्रों के लिए समुचित सुविधाएँ नहीं है, कई राजपूत छात्रावासों के भवन मरम्मत व रख रखाव के अभाव में जर्जर हालात में पहुँच चुके है जहाँ कभी भी कोई हादसा हो सकता है|

ऐसे ही कई राजपूत छात्रावास भवनों की जर्जर हालात और वहां राजपूत छात्रों के लिए सुविधाओं की कमी ने भाजपा युवा मोर्चा नेता व पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैरोंसिंह जी शेखावत के दोहिते अभिमन्यु सिंह राजवी को काफी चिंतित व उद्वेलित किया, पिछले दिनों राजवी ने इस सम्बन्ध में अपने फेसबुक पेज व अपने ब्लॉग पर भी उपरोक्त चिंता जाहिर करते हुए समाज के लोगों से इस संबंध में आगे कर कार्य करने का आव्हान किया तथा अपनी और से इस संबंध में रणनीति बनाकर शीघ्र ठोस कार्य करने की घोषणा भी की| छात्रावास भवनों की हालात पर चिंता करते हुए राजवी हर जिला मुख्यालय पर राजपूत समाज में बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु उनके आवास के लिए भी अलग छात्रावास की जरुरत महसूस करते हुए लिखते है कि जिस जिले का राजपूत समाज अपने शहर में राजपूत बालिका छात्रावास बनाना चाहते है वे उस शहर में बालिका छात्रावास हेतु सिर्फ जमीन उपलब्ध करवा दे तो भवन बनवाने की व्यवस्था के लिए धन की व्यवस्था वे उपलब्ध करवा देंगे|

यही नहीं छात्रावास भवनों की मरम्मत का कार्य आगे बढाने हेतु श्री राजवी ने राजपूत युवा परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष उम्मेद सिंह करीरी, जय राजपुताना संघ के भंवर सिंह खंगारोत, राजस्थान कर्मचारी महासंघ के गजेन्द्र सिंह खोजास सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों के साथ एक बैठक कर विचार विमर्श किया| इस बैठक में समाज के प्रतिनिधियों को श्री राजवी ने बताया कि उन्होंने कई राजपूत छात्रावासों के भवनों यथा चुरू, बांसवाड़ा आदि की द्रवित कर देने वाली जर्जर हालात देखी है, साथ ही विभिन्न जातिय छात्रावासों का दौरा कर उनकी सुविधाओं का भी अवलोकन किया, जहाँ उन्हें राजपूत छात्रावासों के विपरीत अच्छी सुविधाएँ व व्यवस्थाएं देखने को मिली| तो क्यों नहीं हम भी अन्य जातिय छात्रावासों की तरह राजपूत छात्रावासों की सुविधाएँ व व्यवस्थाएं सुधारने में सहायता करें|

बैठक में उपस्थित सामाजिक प्रतिनिधियों से श्री राजवी ने इस पुनीत सामाजिक कार्य में उनका सहयोग करने का आव्हान किया|

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4टिप्पणियाँ

  1. बहुत सार्थक पहल है राजवी साहब की ,छात्रावास केवल आवास की सुविधा ही नहीं है ,वह पर रहकर विद्यार्थी में अपनत्व ,जातीय संस्कार व् संगठन की भावना का भी विकास होता है |

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक कल शनिवार (17-08-2013) को "राम राज्य स्थापित हो पाएगा" (शनिवारीय चर्चा मंच-अंकः1339) पर भी होगा!
    स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. बहुत पुनीत सार्थक पहल की है राजवी साहब ने ,,,आभार
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
    RECENT POST: आज़ादी की वर्षगांठ.

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