

पार्टी में भरती होने के बाद ताऊ ने गांवों में सभाएं कर ऐलान कर दिया कि चुनाव जीतने के बाद जो सरकारी अधिकारी गांव वालों को परेशान करते है उन्हें अपने लट्ठ की दो-चार मार कर सीधा कर दूंगा और इसी बदोलत ताऊ के हल्के की जनता ताऊ की समर्थक बन गई बस फ़िर क्या था ताऊ ने आलकमान मैडम की कुछ शानदार रैलियां कर पार्टी में अपना सिक्का जमा लिया और पुरी पार्टी में उसी तरह छा गया जैसे ब्लॉगजगत में ताऊ रामपुरिया छा रहे है| ताऊ की बढती लोकप्रियता का होने वाले आगामी चुनाओं में फायदा उठाने लिए आलाकमान मैडम ने ताऊ को बिना चुनाव लड़े ही किसानो वाला मंत्रालय देकर मंत्री बना दिया | लेकिन मैडम ताऊ को मंत्री मंडल की बैठक, विदेश दौरे व पांचसितारा होटलों में होने वाली पार्टियों से ताऊ को गांव का ग्वार समझ दूर ही रखती थी उसे डर था कि पांचसितारा होटलों में ताऊ को चम्मच व काँटों से खाना तो आता नही सो कही ये बेइजती ना करा दे, और इसी कारण मैडम ने ताऊ को राजधानी में ना रहे गांवो के दौरे पर लगा कर रखा |
लेकिन एक दिन ताऊ जिद पर अड़ गया और मैडम से बोला :- मैडम मुझे भी पांचसितारा होटल की पार्टी में लेकर चलो बाजरे के टिक्कड़ पाड़ते बहुत दिन हो लिए अब मंत्री बनने के बाद भी पांचसितारा खाना नही खाया तो मंत्री बनने का क्या फायदा |
मैडम:- ताऊ तन्ने चम्मच और काँटों से खाना खाना नही आता तू वहां बड़े-बड़े लोगों और प्रेस वालों के सामने मेरी भी इन्सल्ट करवा देगा, इसलिए रहने दे इन पार्टियों में जाना |
ताऊ :- ठीक है मैडम, मुझे ये सब नही आता लेकिन में और लोगों की देखा-देखी सब सीख लूँगा |
मैडम:- तो ठीक है ताऊ तन्ने पहले मै एक टी पार्टी में साथ ले चलूंगी वहां तुने ठीक तरीके से चाय वगैरह पी ली तब अगली पांचसितारा पार्टी में लेकर जावुंगी |
और ताऊ भी मान गया|
मैडम ने ताऊ को समझा दिया की जिस तरह दुसरे बड़े लोग चाय का कप उठाये और वापस रखे उन्हें देखकर तुम्हे भी करना| और मैडम एक पांचसितारा होटल की चाय पार्टी में मंत्री बने ताऊ को साथ ले गई |पार्टी में ताऊ ने दुसरे लोगों ने कैसे चाय का कप उठाया, कैसे पकडा,और कैसे लोग चाय की चुस्कियां ले रहे है देखकर बड़े मजे से चाय पीली | मैडम भी ताऊ का क्रियाकलाप देखकर संतुष्ट थी लेकिन चाय पीने के बाद कुछ लोगों ने चाय का खाली कप प्लेट के अन्दर रख दिया और कुछ ने कप प्लेट के बाहर| अब ताऊ को समझ नही आया कि कुछ लोग कप प्लेट के बाहर व कुछ अन्दर क्यों रख रहे सो ताऊ ने अपना दिमाग लगाया और चाय के खाली कप को प्लेट में गोलाई वाली जगह टेढा करके रख दिया, मैडम यह सब देख ही रही थी| पार्टी ख़त्म होने के बाद मैडम ने ताऊ से पूछा -
मैडम:- ताऊ तुमने कप को प्लेट में टेढा क्यों रखा ? कप प्लेट के अन्दर रखते या फ़िर बाहर रखते|
ताऊ :- मैडम मैंने सोचा कि जिन लोगों ने कप प्लेट में रखा है उन्हें चाय और चाहिए और जिन्होंने कप बाहर रखा है उन्हें चाय दुबारा नही चाहिए| अतः मैंने कप को टेढा रख दिया कि भाई " डाल दोगे तो पी लेंगे वरना कोई बात नही " |
टिप्पणी कर दोगे तो ठीक वरना कोई बात नही ! ताऊ के कप की तरह टिप्पणी बॉक्स भी टेढा है |।
" डाल दोगे तो पी लेंगे वरना कोई बात नही "
जवाब देंहटाएंवाह भाई शेखावत जी मजा आ गया !
रामराम !
कुछ भी हो ताऊ है बड़ा भोला !
जवाब देंहटाएंहाहाहा.. मजा आ गया रतन जी!
जवाब देंहटाएंताऊ को चाय कि नही महनसर वाली महारानी कि जरूरत है। वैसे आप चाय ज्याद पी रहे है । इस लिये ज्ञान दर्पण पर पोस्ट लगातार आ रही है ।
जवाब देंहटाएंभाई आख़िर ताऊ बड़ा समझदार है।
जवाब देंहटाएंमै़डम खुश ! ताऊ ने उपरी मंजिल का इस्तेमाल तो किया।
जवाब देंहटाएंताऊ दो नावों पै सवार रहते हैं :)
जवाब देंहटाएंtau ji ki har bat andaaz nirala
जवाब देंहटाएंभाई शेखावत जी, जै ताऊ अगर कप उल्टा रख देता तो ?
जवाब देंहटाएंनेता का सही गुण - चित भी मेरी, पट भी मेरी।
जवाब देंहटाएंयह चीज़ ( ताऊ ) मैडम को बर्वाद कर देगी ..केवल मौका देख रहा है !
जवाब देंहटाएंवाह ताऊ दिमाग वाला था।
जवाब देंहटाएंताऊ हालात के मुताबिक रंग बदल लेते हैं।
जवाब देंहटाएंWah thodi dal hi do sekhawat ji. Ati sundra. Dhanyawad.
जवाब देंहटाएंAnantbodh Chaitanya
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Wah, Ati Sundra
जवाब देंहटाएंAnantbodh Chaitanya
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