लस्कर थारा मारणा,देखण का अभलेखा ||
रण निमंत्रण पाकर शेखा जी जेसा वीर चुप केसे रह सकता था और बिखरी सेना को एकत्रित करने की प्रतीक्षा किए बिना ही शेखा जी अपनी थोडी सी सेना के साथ घाटवा पर चढाई के लिए चल दिए और जीणमाता के ओरण में अपने युद्ध सञ्चालन का केन्द्र बना घाटवा की और बढे ,घाटवा सेव कुछ दूर खुटिया तालाब (खोरंडी के पास )शेखा जी का गौडों से सामना हुवा ,मारोठ के राव रिडमल जी ने गौडों का नेत्रत्व करते हुए शेखा जी पर तीरों की वर्षा कर भयंकर युद्ध किया उनके तीन घटक तीर राव शेखा जी के लगे व शेखा जी के हाथों उनका घोड़ा मारा गया ,इस युद्ध में शेखा जी के ज्येष्ठ पुत्र दुर्गा जी कोलराज के पुत्र मूलराज गौड़ के हाथों मारे गए और इसके तुंरत बाद मूलराज शेखा जी के एक ही प्रहार से मारा गया | घोड़ा बदल कर रिडमल जी पुनः राव शेखा जी के समक्ष युद्ध के लिए खड़े हो गए ,गौड़ वीरों में जोश की कोई कमी नही थी लेकिन उनके नामी सरदारों व वीरों के मारे जाने से सूर्यास्त से पहले ही उनके पैर उखड़ गए और वे घाटवा के तरफ भागे जो उनकी रणनीति का हिस्सा था वे घाटवा में मोर्चा बाँध कर लड़ना चाहते थे ,लेकिन उनसे पहले शेखा जी पुत्र पूरण जी कुछ सैनिकों के साथ घाटवा पर कब्जा कर चुके थे |
खुटिया तालाब के युद्ध से भाग कर घाटवा में मोर्चा लेने वाले गौडों ने जब घाटवा के पास पहुँच कर घाटवा से धुंवा उठता देखा तो उनके हौसले पस्त हो गए और वे घाटवा के दक्षिण में स्थित पहाडों में भाग कर छिप गए शेखा जी के पुत्र पूरण जी घाटवा में हुए युद्ध के दौरान अधिक घायल होने के कारण वीर गति को प्राप्त हो गए | घायल शेखा जी ने शत्रु से घिरे पहाडों के बीच रात्रि विश्राम लेना बुधिसम्मत नही समझ अपने जीणमाता के ओरण में स्तिथ सैनिक शिविर में लोट आए इसी समय उनके छोटे पुत्र रायमल जी भी नए सेन्यबल के साथ जीणमाता स्थित सेन्य शिविर में पहुँच चुके थे ,गौड़ शेखा जी की थकी सेना पर रात्रि आक्रमण के बारे में सोच रहे थे लेकिन नए सेन्य बल के साथ रायमल जी पहुँचने की खबर के बाद वे हमला करने का साहस नही जुटा सके |

घाटवा का युद्ध सं.१५४५ बैशाख शुक्ला त्रतीय के दिन लड़ा गया था और उसी दिन विजय के बाद शेखा जी वीर गति को प्राप्त हुए | शेखा जी की म्रत्यु का संयुक्त कछवाह शक्ति द्वारा बदला लेने के डर से मारोठ के राव रिडमल जी गोड़ ने रायमल जी के साथ अपनी पुत्री का विवाह कर और 51 गावं झुन्थर सहित रायमल जी को देकर पिछले पॉँच साल से हो रहे खुनी संघर्ष को रिश्तेदारी में बदल कर विवाद समाप्त किया |
संदर्भ - राव शेखा,शेखावाटी प्रदेश का राजनैतिक इतिहास
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