ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से
एक है,
जो भगवान शिव के बारह दिव्य रूपों में से एक है। यह ज्योतिर्लिंग मध्य
प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है और इसे अद्वितीय इसलिए माना जाता है क्योंकि यह
नर्मदा नदी के बीचों-बीच ओंकार पर्वत पर स्थित है। इस पर्वत का आकार 'ॐ' के समान है, जो हिंदू धर्म में
एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं
हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, भगवान शिव ने यहां अपने भक्त
मंडहाता की तपस्या से प्रसन्न होकर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए। आपको बता दें
राजा मान्धाता का भव्य और विशाल किला मंदिर से थोड़ी ही दूर पहाड़ी पर बना है जिसके अन्दर
बने सुन्दर महल दर्शनीय है |
एक अन्य कथा में कहा जाता है कि विन्ध्य पर्वत ने
यहां कठोर तपस्या की थी और भगवान शिव ने उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे आशीर्वाद
दिया था।
ओंकारेश्वर मंदिर का स्थापत्य अद्वितीय है। यह मंदिर नर्मदा नदी के दो तटों पर बसा है और एक पुल के माध्यम से जुड़ा हुआ है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान ओंकारेश्वर की मूर्ति स्थित है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मंदिर का शिखर और उसके चारों ओर की नक्काशी मध्यकालीन भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है। मंदिर के भीतर बड़े बड़े खम्भों पर की गई नक्काशी हर किसी के आकर्षण का केंद्र है |
ओंकारेश्वर पहुंचने के लिए आपको पहले इंदौर या खंडवा
पहुंचना होगा। इंदौर से ओंकारेश्वर की दूरी लगभग 77 किलोमीटर है और खंडवा से लगभग
60 किलोमीटर। आप यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। रेलवे और हवाई मार्ग
से भी यहां का सफर काफी सुविधाजनक है।
महाशिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान यहां विशेष
आयोजन होते हैं। इन दिनों में ओंकारेश्वर में भारी भीड़ होती है और भक्तजन दूर-दूर
से यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा, हर सोमवार को भी यहां भक्तों की काफी भीड़ होती है।
नर्मदा नदी को भी भारत की पवित्र नदियों में से एक
माना जाता है। यहां के स्थानीय लोग मानते हैं कि नर्मदा नदी में स्नान करने से सारे
पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए, ओंकारेश्वर की यात्रा नर्मदा नदी में स्नान के बिना अधूरी मानी जाती है।
आपको बता दें यहाँ आने वाले श्रद्धालु नदी में स्नान
के साथ बोट में बैठकर नदी में दूर तक बोटिंग का लुफ्त भी उठाते हैं |
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास ही ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग
भी स्थित है, जिसे द्वारकाधीश मंदिर भी कहा जाता है। इसके
अलावा, यहां से कुछ दूरी पर सिद्धनाथ मंदिर , राजा मंडहाता का किला और अन्नपूर्णा मंदिर भी दर्शनीय स्थल हैं।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की यात्रा करने का अनुभव
अगर आपने किया है तो कमेंट में हमें जरूर बताएं। धन्यवाद! हर हर महादेव!