दिल्ली के जंतर-मंतर पर समाज सेवी अन्ना के पहले लम्बे अनशन पर उमड़े जन सैलाब और फिर सरकार द्वारा झुकते हुए लोकपाल कमेटी बनाने के बाद अनशन को सरकार को झुकाने व लोकप्रियता हासिल करने के लिये एक ब्रह्मास्त्र माना जाने लगा और लोगों के मन में अनशन प्रेम उमड़ हिलोरें लेने लगा|
अन्ना के बाद बाबा रामदेव ने भी अनशन शुरू किया जो दिल्ली पुलिस के लाठियाने के साथ खत्म हो गया| अन्ना की देखा देखी उसके कन्धों पर अनशन अनशन खेल खेलने वाले कुछ NGO वीरों ने अनशन किया पर कुछ ही दिन में उनका स्वास्थ्य ख़राब होने के चलते उनकी भूखे रहने की पोल खुल गयी और उनका अनशन टांय टांय फिस्स हो गया|
आजकल हाल ही में राजनैतिक पार्टी बना नये नेता बने एक NGO वीर ने अपनी पार्टी का जनाधार बढाने को अनशन अनशन खेल फिर चालु कर रखा है पर अनशन के पांचवे दिन बाद ही उनके सवास्थ्य को लेकर जिस तरह की ख़बरें आ रही है उनसे लग रहा है कि उनका यह अनशन अनशन खेल ज्यादा दिन तक चलने वाला नहीं है फिर जब सरकार को पता चल जाये कि आप इस अनशन युद्ध में ज्यादा से ज्यादा हफ्तेभर भी नहीं ठीक सकते तो वो भला वह क्यों झुकेगी ? और परिणाम यह होता है ऐसे कमजोर अनशन वीरों को किसी तरह अपनी इज्जत बचाते हुए अनशन खत्म करना पड़ता है|
अन्ना के बाद बाबा रामदेव ने भी अनशन शुरू किया जो दिल्ली पुलिस के लाठियाने के साथ खत्म हो गया| अन्ना की देखा देखी उसके कन्धों पर अनशन अनशन खेल खेलने वाले कुछ NGO वीरों ने अनशन किया पर कुछ ही दिन में उनका स्वास्थ्य ख़राब होने के चलते उनकी भूखे रहने की पोल खुल गयी और उनका अनशन टांय टांय फिस्स हो गया|
आजकल हाल ही में राजनैतिक पार्टी बना नये नेता बने एक NGO वीर ने अपनी पार्टी का जनाधार बढाने को अनशन अनशन खेल फिर चालु कर रखा है पर अनशन के पांचवे दिन बाद ही उनके सवास्थ्य को लेकर जिस तरह की ख़बरें आ रही है उनसे लग रहा है कि उनका यह अनशन अनशन खेल ज्यादा दिन तक चलने वाला नहीं है फिर जब सरकार को पता चल जाये कि आप इस अनशन युद्ध में ज्यादा से ज्यादा हफ्तेभर भी नहीं ठीक सकते तो वो भला वह क्यों झुकेगी ? और परिणाम यह होता है ऐसे कमजोर अनशन वीरों को किसी तरह अपनी इज्जत बचाते हुए अनशन खत्म करना पड़ता है|

ललित शर्मा जी अपने ब्लॉग पर "लोथल (લોથલ) : हड़प्पा कालीन नगर -- भाग 1" पोस्ट में इस पौधे के बारे में जानकारी देते हुए लिखते है - "इसे हमारे यहाँ (छतीसगढ़ में) स्थानीय भाषा में "चिरचिरा" और आयुर्वेद की भाषा में "अपामार्ग" कहते हैं। यह पौधा बड़े काम का है, अब इस पर नजर पड़ गयी तो चर्चा करते चलें। इस पौधे के कांटो वाले फ़ल को कूटने के बाद कोदो के दाने जैसे दाने निकलते हैं। इन 50 ग्राम दानों की खीर बनाकर खाने के बाद सप्ताह भर तक भूख प्यास नहीं लगती, शौच और लघु शंका भी नहीं होती। इसका प्रयोग हठयोगी करते हैं या नवरात्र पर शरीर पर नौ दिन तक जंवारा उगाने वाले भक्त भी। कहते हैं कि इसकी जड़ को किसी प्रसूता स्त्री की कमर में प्रसव के वक्त बांध दिया जाए तो प्रसव बिना किसी दर्द के निर्विघ्न हो जाता है। प्रसवोपरांत इस जड़ को तुरंत ही खोलना पड़ना है, अन्यथा नुकसान होने की भी आशंका रहती है, इसलिए इसका उपयोग किसी कुशल वैद्य की देख रेख में ही होना चाहिए।"
ललित जी द्वारा दी गयी यह जानकारी नए अनशन वीरों के लिए रामबाण साबित हो सकती है जो एक दो दिन से ज्यादा भूखे नहीं सकते वे इसका प्रयोग करते हुए अनशन पर कई दिन टिक कर अपने अनशन अनशन खेल को कामयाब बना सकते है|
यह तो बड़े काम की बात है इन लोगों के लिये.
जवाब देंहटाएंये तो बड़े काम की बात है.
जवाब देंहटाएंbhai ji aapne bahut h badiya jaan kari di jo AAP party ke kaam aa sakti hai
जवाब देंहटाएंadmin sa kabhi lokendra singh kalvi ke bare me bhi btao sa
जवाब देंहटाएंशंकर सिंह जी
हटाएं@ लोकेन्द्र सिंह जी कालवी किसी परिचय के मोहताज नहीं फिर भी कभी उनके बारे में ज्ञान दर्पण.कॉम पर जरुर लिखा जायेगा|
हाँ ! आप भी अपना पूरा परिचय दीजिये !!
हाँ आपका कहना सही है आयुर्वेद में अपामार्ग के पौधे के बहुत सारे गुण बताए गये है जिनमें से दो का उल्लेख तो आप कर ही चुके है !! और ये हर जगह मिल भी जाता है !!
जवाब देंहटाएंअनशन कारियों के लिए रामबाण नुस्खा,,,,ये प्रजाति के पौधे हमारे यहाँ मिलते है
जवाब देंहटाएंRECENT POST: होली की हुडदंग ( भाग -२ )
कमाल की जानकारी दी आपने तो
जवाब देंहटाएंInteresting info.
जवाब देंहटाएंअनशनी औषधि..
जवाब देंहटाएंहिंदुस्तान में अनसन करी प्रजाति पाई जाती है यह जानकारी आज हमें मिली . बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी दी अपने
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