
कोई अपनी उंगलियों से कंघी कर दे,
फिर देखो लहराऊं मैं कैसे .......
सुखी झाड़ी की जड़ों सी मैं
कोई इनमे कुछ अपने आंसू रो ले ,
फिर देखो खिल आऊं मैं कैसे .......
रीती गागर सी पड़ी मैं ,
कोई मेघ एक बरस जाये
फिर देखो छलक आऊं मैं कैसे ...........
बैठी जिन्दगी के किनारे मैं सिमटी सी ,
कोई अपनी उतरन दे दे फिर देखो निखर आऊं मैं कैसे ........
बंधी खुशियों की गठरी सी बस कोई एक गांठ खोल दे ,
फिर देखो बिखर आऊं मैं कैसे ..............
केसर क्यारी ...उषा राठौड़
असिस्टेंट कमान्डेंट राज्यश्री राठौड़ :राजस्थान की पहली महिला पायलट
ब्लोगिंग के दुश्मन चार इनसे बचना मुश्किल यार
ताऊ टीवी का "पति पीटो रियलिटी शो"
सुखी झाड़ी की जड़ों सी मैं
जवाब देंहटाएंकोई इनमे कुछ अपने आंसू रो ले ,
फिर देखो खिल आऊं मैं कैसे .......
रीती गागर सी पड़ी मैं ,
कोई मेघ एक बरस जाये
फिर देखो छलक आऊं मैं कैसे .......
Bahut sunder. such hee pyar pakar insan kya nahee kar sakta.
बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंati sunder rachna
जवाब देंहटाएंउलझे केशों सी जिंदगी मेरी ,
जवाब देंहटाएंकोई अपनी उंगलियों से कंघी कर दे,
फिर देखो लहराऊं मैं कैसे
सहयोग व साथ की इसीलिए जरुरत होती है
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंआभार
सुखी झाड़ी की जड़ों सी मैं
जवाब देंहटाएंकोई इनमे कुछ अपने आंसू रो ले ,
फिर देखो खिल आऊं मैं कैसे .......
boht hi sunadar lines likhi he.... :)
अति सुंदर रचना, धन्यवाद
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जवाब देंहटाएंसुंदर भाव।
…………..
अंधेरे का राही...
किस तरह अश्लील है कविता...
लफ्ज़ आप दो,गीत हम बनायेंगे,
जवाब देंहटाएंमंजिल आप पाओ,रास्ता हम बनायेंगे,
खुश आप रहो,खुशियाँ हम दिलाएंगे,
आप बस दोस्त बने रहो,दोस्ती हम निभाएंगे.
कुछ कहीं अनकहीं बातें,वाह बहुत खूब लिखा है.
नो वर्ड्स बहुत खूब लिखा है आपने,पता है की आपकी लिखने में एक जादू है,एक सादगी,एक सुन्दरता,सरल सब्द और एक सचे और अच्छे दिल वाले इन्सान की छलक नज़र आती है.आपके लेख,कविता और विचारों की तरह आपका व्यक्तित्व भी बड़ा अच्छा नज़र आता है.बहुत गर्व से कहता हूँ की हम आपके दोस्त हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत बढीया लेख है, पढ कर बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंshare करने के लिये धन्यवाद!
:)
्बहुत ही भावभीनी रचना।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंbahut acha likha Usha ji thnx
जवाब देंहटाएंप्रेम की सरल व सुलझी अभ्यर्थना।
जवाब देंहटाएंनिहायत ही उम्दा रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम
सुन्दर भावाभिव्यक्ति.........
जवाब देंहटाएंनिहायत ही उम्दा रचना........
रामराम.........
aap sab ka bhut bhut aabhar...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना है | चुनावो की वजह से आजकल ब्लॉग जगत में समय नहीं दे पा रहा हूँ | टिप्पणी में देरी के लिए क्षमा |
जवाब देंहटाएंअति सुंदर रचना, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंनिहायत ही उम्दा रचना.
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