
गहन अँधेरा रात का …….
पर उसे तो है रात भर जागना…..
आज रात को जागना है उसे ….
दाई से खबर सुनने को …..
आधी रात यूं बोली दाई ……
गरीब तेरे घर लक्ष्मी आई ,
आधी रात बाद जगा बेटी की ख़ुशी में …
आज दिन भर उसे काम नहीं मिला ……
फिर रात भर जागा सवेरे चूल्हा कैसे जलेगा ………
आज उसकी बेटी सयानी हो गई …..
फिर रात भर जागा ……
ब्याह के लिए कर्ज कहां से लाऊं
क्या है मेरे पास जिसे बेच दूं …..
आज बेटी विदा हो गई ………
फिर रात भर जागना ….…
सवेरे कहां जायेगा ……….
बीमार बीवी को लेकर ……….
क्योंकि ठोर ठिकाना तो साहूकार ने ले लिया ...………..
हे राम ... गरीब किसी को ना बना...
जवाब देंहटाएंगरीबी अपने आप में एक अभिशाप है
जवाब देंहटाएंbadhiya rachna
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंगरीब के दर्द को महसूस कराती बढ़िया रचना
जवाब देंहटाएंbahut hi acha likha aapne garibi pe
जवाब देंहटाएंगरीबी से बडा कोई अभिषाप नहीं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिखा है ....... गरीबी के दर्द को महसूस कराया ..........
जवाब देंहटाएंभगवान् किसी को इतना गरीब न बनाए !.....
सुन्दर रचना के लिए धन्यवाद .......!!!
निर्धनता का मार्मिक चित्रण।
जवाब देंहटाएंaapkaa grib hut achchaa he jo prim location pr sdk ke kinaare vyvsaayik jgh pr jhonpdi lgaa kr bethaa he bhut khub prsuti krpyaa mere mzaaq ko anythaa naa len. akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंakhtar khan sahab tabhi to sahukar ki najar thi uski jhopadi p aakhir prime loction p jo thi .hahhahhahhahahahaha
जवाब देंहटाएंहमारे देश में अनगिनत ऐसे लोग है !
जवाब देंहटाएंजब भी हमें इस तरह का कोई परिवार मिले तो
जितना हो सके इन की मदद करे
इससे प्रेम और खुशहाली दोनों बढ़ेगी !
अच्छे लेख के लिए धन्यवाद !
मार्मिक ...
जवाब देंहटाएंबहुत बारीकी से गरीबी को उकेरा इस रचना. शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
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जवाब देंहटाएंनरेश सिह राठौड़ जी... क्यो?? बहुत मार्मिक है यह रचना क्या इस लिये?
जवाब देंहटाएंगरीब की नींद ऐसे ही उड़ती है
जवाब देंहटाएंअमीरों की थोड़े ही है जो
बी पी बढ़ने का इंतजार करती है।
Dua hai Ki Kamyabi ke har sikhar pe aap ka naam hoga,
जवाब देंहटाएंaapke har kadam par duniya ka salam hoga,
Himat se mushkilon ka samana karna hamari dua hai ki waqt
bhi ek din aapka gulam hoga.
Happy Birthday.
गरीब और अमीर के बीच की खाई बढ़ती जा रही है | क्या इसे पाटने की सरकार द्वारा कोशिश भी की जावेगी ?
जवाब देंहटाएंबहुत बारीकी से गरीबी को उकेरा इस रचना. शुभकामनाएं.
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