
कंधो पर झूलती दो चोटियों सी मस्ती मेरी …….
तार पर गीली चुनर सुखा दी हो किसी ने ,,
उस में से गुजर कर आने वाली ठंडी हवा सी खुशबू मेरी ……
ओस की बूंदों ने जमावड़ा लगाया हो जैसे पंखुड़ियों पर वैसी बातें मेरी
नृत्य करती मोरनी सी चंचलता मेरी ………
कमर पर टिकी करधनी सी अधर में टिकी निगाहे मेरी ……….
पानी में उछलती मछलियों की छपछपाहट सी आहट मेरी …..
ये सब थी मेरी जिंदगी के झोले में ……अब खो गई है …
……….आपने देखा है इन्हें कही ???????????????????????????……..
बहुत सुन्दर भावों के साथ उम्दा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअच्छी व मन की गहराइयों को छूती रचना ...
जवाब देंहटाएंआपको पहली बार कविता करते देख रहा हूँ, बहुत ही सुन्दर। अधिक की प्रतीक्षा।
जवाब देंहटाएंजितनी सुन्दर रचना है उतनी ही सुन्दर फोटो भी लगाई है |
जवाब देंहटाएंreally bahut achi kavita hai sa
जवाब देंहटाएंबहुइत सुंदर जी
जवाब देंहटाएंउम्दा
जवाब देंहटाएंरोचक
सानदार
अच्छा
बेहतरीन
सुन्दर
खूबसुरत
दिल को छू लेने वाली
सिधे दिल से निकली
इस पोस्ट के लिये आपका आभार ।
MIND BLOWING POETRY.
हटाएंMIND BLOWING POETRY
हटाएंbahut hi sunder,sahej aur badiya kavita likhi hai aapne.Paani mein uchalti machliyon ki chahchapahat si aahat meri.wah aapki soch mein kitni gehrai hai.u hav been blessed by God gift plz isse kabhi bhi waste mat hone dena.Proud of u :-)
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना । बचपन तो ऐसा ही होता है ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति....अब तो झोले में और बहुत कुछ भर गया है...यह सब कहीं नीचे दब गया है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंaap sab ne itna pyar aur saneh diya, uske liye tahe dil se aabhar ........
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग लेखकों से आग्रह - हमारीवाणी.कॉम
जवाब देंहटाएंब्लॉग लेखकों का अपना ब्लॉग संकलक हमारीवाणी अभी साज-सज्जा की अवस्था पर है, इसलिए इसके फीचर्स पर संदेह करना उचित नहीं है. यह आपका अपना ब्लॉग संकलक है इसलिए यह कैसा दिखना चाहिए, कैसे चलना चाहिए, इन जैसी सभी बातों का फैसला ब्लॉग लेखकों की इच्छाओं के अनुसार ही होगा.
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धन्यवाद!
हमारीवाणी टीम</
क्यूँ खो जाती उन्मुक्त हँसी ?....चंचल चितवन ?....शोख जुल्फें ? .....गालों की लाली ?
जवाब देंहटाएंआखिर क्यूँ ?
इतनी बाली उम्र में ?
बहुत सुंदर हैं भाव।
जवाब देंहटाएं………….
संसार की सबसे सुंदर आँखें।
बड़े-बड़े ब्लॉगर छक गये इस बार।
तार पर गीली चुनर सुखा दी हो किसी ने ,,
जवाब देंहटाएंउस में से गुजर कर आने वाली ठंडी हवा सी खुशबू मेरी ……
अद्भुत रचना ....
स्पर्श की कोमलता है
एहसास का अद्भुत समावेश है ..
bhavon ko bahut hi khoobsoorti se ukera hai.
जवाब देंहटाएंसुंदर. एक ताज़े हवा के छोंके सी कविता.
जवाब देंहटाएंबहुत भावनात्मक अभिव्यक्ति!! शानदार!
जवाब देंहटाएं@GYANDARPAN.COM
जवाब देंहटाएंआपके ब्लाँग को ईटिप्स ब्लाँग टीम के द्वारा ब्लाँग आँफ द मंथ के लिये चुना गया है एक बार यहाँ आएँ
http://etips-blog.blogspot.com/2010/07/blog-post_22.html
bahut hi sunder aur badiya kavita likhi hai aapne.really bahut achhi kavita hai ... :)
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