आशीष जी की पोस्ट ने चोर पकड़वाया
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अभी आशीष जीकी पोस्ट " बधाई दीजिए " पढ़ ही रहा था कि उसमे आशीष जी ने जागरूक रहने की सलाह देते हुए कॉपी स्केप नामक साईट पर जाकर अपने अपने ब्लॉग की चोरी सामग्री पकड़ने का तरीका सुझाया | इस वेबसाइट में अपने ब्लॉग का नाम भरते ही पता चला कि मेरे लिखे लेख एक भाई साहब ने बड़ी बेशर्मी से अपने ब्लॉग पर प्रकाशित कर रखे है इन्होने जो लेख अपने ब्लॉग पर पोस्ट किये है वे मैंने हिंदी विकिपीडिया पर भी प्रकाशित किए थे शायद इन जनाब ने ये लेख वहीँ से चुरा कर अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर दिए | ठाकुर मंगल सिंह जी खूड और क्रन्तिकारी केसरी सिंह बारहट पर लिखे आलेख इन्होने चोरी किये है जबकि इन्हें पता ही नहीं होगा कि जिन ठाकुर मंगल सिंह जी का परिचय वे चोरी कर प्रकाशित कर रहे है उनकी पूर्व जागीर खूड है कहाँ |
yeh toh khoob rahi............
जवाब देंहटाएंanand aa gaya..............
अनामी, बेनामी टिप्पणियों और जूतम पैजार के बाद बस अब यही बाकी था देखने को। जाने आगे आगे क्या देखने को मिले!
जवाब देंहटाएंजानकार ब्लॉगर बन्धु बान्ध्वियों से अनुरोध है कि copyright किस प्रक्रिया से और कैसे सस्ते में किया जा सकता है, बताएँ। यदि कोई अपनी बौद्धिक संपदा का रक्षण करना चाहता है तो यह उसका हक है।
ब्लॉग पोस्ट की चोरी तो निहायत ही निन्दनीय है।
गिरिजेश जी प्रत्येक आप की कलात्मक कृति पर उसे तैयार करने से ही आप का कॉपीराइट स्वतः ही हो जाता है। किसी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं। उस कृति का प्रथम प्रकाशन ही उस का सबूत होता है।
जवाब देंहटाएंशुक्र है "चोर" पकड़ा तो गया.. लेकिन बहुत गंभीर मामला है..
जवाब देंहटाएंआपका ब्लौग बहुत अच्छा लगा. अपनी प्रकाशित रचनाओं की चोरी पर चिंतित न हों, चूँकि सबसे पहले आपने उसे प्रकाशित किया है अतः वे आपकी ही मानी जाएँगीं.
जवाब देंहटाएंआपके ब्लौग में उबंटू पर आधारित पोस्ट पढ़ी. मैं दो महीने से उबंटू का प्रयोग कर रहा हूँ और यह शानदार है. मैंने भी ubantu.com पर signup करके फ्री सीडी मंगाई थी. हॉलैंड से 10 दिनों के भीतर फ्री सीडी आ गई. उबंटू में ऐसा कुछ नहीं है जो विन्डोज़ में न हो, बल्कि उससे भी ज्यादा है.
अभी वो बच्चा है, ज्यादा लज्जित मत करे, बस प्यार से समझा दे, काफ़ी है, समझ भी जायेगा.
जवाब देंहटाएंलेकिन है फ़िर भी गलत काम
http://img523.imageshack.us/i/cats1s.jpg/
जवाब देंहटाएंThis is for You.
:)
E-Guru Rajeev
Main chahoonga ki usko maaf kar diya jaay, par usko uski galti ka ahsaas karva kar hi chhodna theek hoga.
जवाब देंहटाएंचोर का नाम सार्वजनिक किया जना चाहिये
जवाब देंहटाएंआप उनसे ईमेल संपर्क कर पूछिये अगर न हटायें तो फिर मामला आगे ले चलिए. बात तो सिरे से गलत है.
जवाब देंहटाएंआपने भी पकड़ ली चोरी । अभी न जाने कितने ब्लॉग-कंटेंट इधर-उधर चोरी होकर छपे पड़े होंगे । खैर, आप समझा दीजिये कि ऐसा अब न दो !
जवाब देंहटाएंउसको मेल करके प्यार से समझा दें अगर माने तो ठीक वरना जो चोर सज़ा मिलती वो ही सज़ा उसको दी जायें।
जवाब देंहटाएंआप सार्वजनिक तौर पर उसकी आलोचना कीजियेगा
good to forgive best to forget
जवाब देंहटाएंभाई ...अब ज़माना प्यार से समझाने का ही है ........अब मात्साहब कहें तो मानना ही पड़ेगा!!!
जवाब देंहटाएंबकिया तो सब पंचन की भी यही राय दिख रही है !!
क्षमा बड़न को चाहिये, छोटन को उत्पात।
जवाब देंहटाएंपर उत्पात इतना भी ना हो कि सर के बाल ही उड़ जायें।
un chor mahashay se kahiye ulta-seedha kuch bhi likh...par mere bhai chori mat kar agli bar chori kee to photo sahit akhbar main chap dooga...sawdhan ye chor hai....
जवाब देंहटाएंचोरी कर जेब में डाल का सिद्धांत मानने वाला दिखै सै यो ताऊ तो? पहले राजी राजी बात करिये अगर ना माने तो हमारा लठ्ठ ले जाईये.
जवाब देंहटाएंरामराम.
चोरी करना अच्छी बात नही है जी। लोग ये बात कब समेझेगे? समझ नही आता।
जवाब देंहटाएंयह तो अच्छी बात नहीं है किसी का लिखा चुराना !
जवाब देंहटाएंये तो गर्व कि बात है के आपके ब्लॉग पर चुरातात्विय सामग्री है . चोरी करने वाले के लिए वेबसाइट पर लाक लगा लें जिससे कोई कॉपी ही न करसके
जवाब देंहटाएंमै आपके इस ब्लोग के माध्यम से आशीष जी का एक बार पुन धन्यवाद करता हू कि उन्होने हमे चोरी पकड़ने के तरीके के बारे मे बताया । आपकी यह पोस्ट पढकर हम भी उन भाई साहब के बलोग पर हो कर आये है । सुझाव रूपी टिप्पणी भी पेल आये । माने या ना माने यह ऊन पर है । नेट की दुनिया मे चोरी कोई पहली घटना नही है । यहाँ तो सब इसी ताक मे रहते है । मै तो यह कहता हू कि चोर भाईयो, आप हमारे ब्लोग पर आ कर शोक से चोरी कर सकते है पर जहा भी आप प्रकाशित करे हमारा नाम भी कही न कही जरूर लिख दे तो अहसान होगा ।
जवाब देंहटाएंचोरी कर के कोई कहाँ जायेगा .
जवाब देंहटाएंभगवान इन्हें सद्बुद्धि दें।
जवाब देंहटाएं:) ..आपको भी बधाई.. चलो अच्छा है हमारा कंटेट किसी की मदद कर रहा है..
जवाब देंहटाएंबहुत ही ग़लत काम किया है उन महाशय ने.....वैसे इस काम के लिए हिंदी में तो ठेठ शब्द है चोरी......और अंग्रेजी में बोले तो Plagiarism........इस Plagiarism ने अच्छे अच्छों की नाक में दम कर रखा है.....अभी पिछले साल ही एक प्रतिष्ठित व्यावसायिक पत्रिका को अपनी बहुचर्चित निबंध लेखन प्रतियोगिता सिर्फ़ इसी वजह से बंद करनी पड़ी थी.....और भी कई उदाहरण हैं....
जवाब देंहटाएंसाभार
हमसफ़र यादों का.......
आपका मेरे ब्लॉग पर पधारने का धन्यवाद
जवाब देंहटाएंRatan Singh Shekhawat ji,
मुझे ये जानकर बहुत खुशी हूई की ये पोस्ट आपने लिखा है, बहुत अच्छा लिखते है आप। आपकी जितनी तारीफ कि जाए कम है । मेरे इस ब्लॉग का मकसद है कि जिन लोगो ने हमारे देश के तरक्की में योगदान दिया है या उन लोगो को जिन्होंने भारत को नया रास्ता(तरक्की का ,जज्बे का ,सोचने का) दिखाया है , आज के युवा भाइयो तक पहुँचाना जिसमे विकिपेडिया बहुत ही मददगार साबित होती है। यहाँ मेरा मकसद ये दिखाना नही होता कि ये पोस्ट मैंने लिखा है। मैंने ब्लॉग के उपरी हिस्से में लिंक के साथ साफ़- साफ़ लिखा है कि : यहाँ प्रस्तुत सभी पोस्ट मुख्यतः विकिपीडिया और बी बी सी के सौजन्य से है । बाकि पोस्टो का उल्लेख पोस्ट के साथ किया गया है। अगर मुझे यह पता होता कि यह पोस्ट आपने लिखा है या आपका जिक्र कही भी विकिपीडिया के पोस्ट में किया गया होता तो बेशक आपके इस पोस्ट के साथ आपके नाम का उल्लेख करने में मुझे बेहद खुशी होती। मई आपके ब्लॉग का बहुत बड़ा प्रसंशक हूँ। मुझे लगता है कि आपको चोरी शब्द का प्रयोग नही करना चाहिए , क्योकि मुझे लगता है कि मेरे ब्लॉग पर आने वाले सभी पाठको को ये पता होता है कि ये ब्लॉग पुर्णतः खोज पर आधारित है। आखरी में आपको आपकी लेखनी के लिए फिर से बधाई ।