1- कांग्रेसी :- बरसात में पैदा होने वाले एक कीडे को यहाँ के लोग कांग्रेसी कहते है यह शरीर पर जहाँ भी चल फ़िर जाता है वहां-वहां शरीर पर फोडे निकल जाते है यह कीड़ा पुरे बरसात के मौसम में लोगों को परेशान करता है |
2- कामरेड :- अमरीकन और जर्सी गायों के बछडे खेती बाड़ी के कामो में किसी तरह काम नही आते है अतः न तो उनका कोई उपयोग है और न ही वे बिकते है सो पशुपालक इन्हे बेकार समझ छोड़ देते है ऐसे छोड हुए बछडे आवारा होकर झुंड के झुंड खेतों में फसल को नुकसान पहुचाते है जिससे किसान बड़े परेशान रहते है उन्हें रात भर जागकर इन आवारा बछडों से अपनी फसल बचाने को खेतो की रखवाली करनी पड़ती है और ये बछडे भी इतने ढीठ होते है कि जब तक ताऊ ब्रांड लट्ठ की दो चार इन्हे नही पड़े ये भागते तक नही | चूँकि हमारे विधानसभा क्षेत्र में पिछले लगभग बीस सालों से कोमरेड विधायक जीतता आ रहा है लाख जतन करने के बावजूद दूसरी पार्टिया उसे हरा नही पाती| अब बाकि पार्टियों के लिए तो ये विधायक ऐसा ढीठ है कि उनसे कभी हारता ही नहीं| और हाँ ज्यादातर बेरोजगार आवारा युवक उसके कार्यकर्त्ता है जो इन्ही बछडों की तरह आवारा और ढीठ है अतः इनकी कुछ प्रकृति आपस समान होने के कारण किसानों ने इन बछडों का नामकरण कामरेड कर रखा है और आम बोलचाल में किसान इन आवारा बछडों को कोमरेड कह कर ही संबोधित करते है |
3- बीजेपी घास :- अटल जी प्रधान मंत्री बनने से पहले और राममंदिर मुद्दे के बाद जिस तरह से बीजेपी तेजी से उभरी लगभग उसी समय और उसी तेजी से गेहूँ के बीज के साथ एक पीले फूलों वाली घास खरपतवार बनकर सारे खेतों में फ़ैल गई जब तक किसान इस आर्जीमोन श्रेणी की पीले फूलों वाली घास के बारे में कुछ जान पाता ये पुरे खेतों में इस तरह फ़ैल गई जैसे फसल बो रखी हो | बीजेपी और इस घास के फैलाव की समानता और इसके पीले फूलों की वजह से किसानो ने इस घास का नाम बीजेपी रख दिया और अब क्षेत्र का आम आदमी इसे बीजेपी घास के नाम से ही जनता है यह घास फसलों पर विपरीत असर डालती है जिस खेत में इसकी अधिकता है वहां अनाज के पौधे सही ढंग से पनप नही सकते | हालाँकि जागरूक और मेहनत-कश किसानो ने तो इस घास को उसी तरह उखाड़ फैंका जिस तरह राजस्थान की वसुंधरा सरकार को इन चुनाओ में | लेकिन आलसी किसानों के खेतों में यह घास अब भी बहुतायत से मौजूद है और हवा के साथ अपने बीजों का प्रसार करने में लगी है |



कोमरेड बीजेपी घास कोमरेड
तभी कुछ दिनों से आप दिखाई नहीं दे रहे थे..
जवाब देंहटाएंगाँव में अपने हिसाब से बहुत रोचक नाम दे देते हैं..
आप बीजेपी अपने साथ तो नहीं ले आये कहीं?
सुंदर उपमाएं
जवाब देंहटाएंभाई शेखावत जी , आजकल मेरा गांव रामपुरा भी सीकर जिले का हरयाणा की सीमा से लगता हुआ आखिरी गांव है नीमकाथाना तहसील मे !खेत हमारे हरयाणा मे लगते हैं ! हमारे वहां से मोदी होते थे बरसाती कीडे ! अब कौन हैं ? पता नही !
जवाब देंहटाएंऔर यहीं से १० साल तक मेरा हाईस्कूल का यानि ६ से ९ वीं तक एक क्लास और एक सेक्शन मे पढा साथी फ़ूलचंद गुर्जर विधायक रहा था पीले फ़ुलों वाली घास का ! अब वो क्या कर रहा है ? मुझे नही मालूम ! काफ़ी सालों से उससे मिला नही हूं !
पहले तो यह सुनकर ताज्जुब हो रहा है कि सीकर जिले मे कामरेड विधायक है !
अब शेखावाटी के लोगो का ह्युमर तो जग जाहिर है ही ! भाई बहुत अच्छा लगा यह लेख ! आप तो ऐसे किस्से भी लिखा करो ! बडा मजा आता है !
रामराम !
कांग्रेस का फोटू नहीं लगाया शेखावत जी !
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है यह तीनो सच मे परेशानी का कारण है देश भर के लिए | सबसे अच्छा लगा छुट्टा बैल को कामरेड कहते है वह होते भी ऐसे ही है
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया उपाधियाँ दी है | मजा आ गया पढ़ के |
जवाब देंहटाएंपरेशानी तो राजनितिज्ञ नामी जन्तु से हर क्षेत्र में होती ही है।
जवाब देंहटाएंबहुत मजेदार
जवाब देंहटाएंit is a nice comment on all the things as a politics and system
जवाब देंहटाएंसुन्दर व्यग्य रचना है सा ! आज कल के नेता जी इसी तरह के होते है सा सुंदर रचना
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