
रेत के झरने

आपने पानी के झरने तो बहुत देखे होंगे पर रेत के झरने देखना तो दूर शायद सुने भी नहीं होंगे | पर आज आपको रेत के झरनों के क…
आपने पानी के झरने तो बहुत देखे होंगे पर रेत के झरने देखना तो दूर शायद सुने भी नहीं होंगे | पर आज आपको रेत के झरनों के क…
आजकल कई ब्लोग्स पर जाते ही एंटी-वायरस उन ब्लोग्स पर वायरस होने की चेतावनी देता है , चेतावनी गौर से देखने पर पता चलता है…
फेरां सुणी पुकार जद, धाडी धन ले जाय | आधा फेरा इण धरा , आधा सुरगां खाय || उस वीर ने फेरे लेते हुए ही सुना कि दस्यु एक…
हरिकृष्ण लाल सचदेव हठीलो राजस्थान-14 | हरयाणवी ताऊनामा मेरी शेखावाटी
गहरी साँस का गड्डा खोदकर जो ख्वाब दबा दिए थे मैने बन्धनों की मिट्टी डालकर सदी भर पड़ा अकाल उस , अहसास की जमीं पर हो ग…
राजस्थान के लोक देवता ,सर्व धर्म समभाव व जन-जन की आस्था के प्रतीक रुणेचा के बाबा रामदेव पीर के अब श्रद्धालु ऑनलाइन दर्…
कुछ खास नहीं हैं मेरे पास करने को , क्यों न ये बिखरा जहाँ समेट लू ........ कुछ गम बुहार लू , फेकूं वहां जहाँ …
रामपुर का राजा गांव के भोले भाले ताउओं से बड़ा प्रभावित था, वह अक्सर शिकार खेलने जाते समय गांवों में भेष बदलकर गांवों …
मात सुणावै बालगां, खौफ़नाक रण-गाथ | काबुल भूली नह अजै, ओ खांडो, ऎ हाथ || काबुल की भूमि अभी तक यहाँ के वीरों द्वारा किये …
क्या लिखू क्या न लिखू , कलम ये ख़ामोश हे ! गिर गया आंख से आंसू सलवटे हे फिर कागज़ पे ! …
बिंधियो जा निज आण बस, गज माथै बण मोड़ | सुरग दुरग परवेस सथ, निज तन फाटक तोड़ || अपनी आन की खातिर उस वीर ने दुर्ग का फाटक…
संघर्ष एवं क्षत्रिय | गीत संगीत की बाते ताऊ अस्पताल में बाबाश्री ललितानंद जी महाराज
उपरोक्त रचना फेसबुक मित्र श्री हरिकृष्ण लाल सचदेव द्वारा ज्ञान दर्पण पर प्रकाशनार्थ भेजी गयी जो आपके सम्मुख प्रस्तुत ह…
एक दिन चला था जिंदगी के सफ़र, पर कुछ रिश्तो को लेकर ...... कुछ को कांधे बैठाया कुछ को पलकों पर .......... चला कुछ को …
तपता सूरज है ,उबलता सागर है , फिर रोता बादल क्यों ?....... चाँद को चाहत चांदनी से है , फिर जागे चकोर क्यों ?...... …