घुटन

pagdandi
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बचपन मे कही से बिखर कानो मे पड़ गया था.....
ये शब्द घुटन

तब सोचा घुटन से मर जाता होगा इन्सान

पर आज जब मे घुट रही हूँ तो क्यूँ नहीं निकलता मेरा दम

घुटन घुटन मे घुटते घुटते मैं सब काम निपटा लेती हूँ

जब सब निपट जाता हैं , तो मुझ में क्यू कुछ बाकी रह जाता हैं,

ये सारा गम तह बन कर क्यू मुझ पर ही आके जम जाता हैं

इतना भी क्या कठोर हो गया मेरा ह्रदय

की सब कुछ चुप चाप सह जाता हैं

और जब कठोर हो ही गया हैं

तो अकेले में फिर आंसू बन कर क्यू बह जाता हैं .

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18टिप्पणियाँ

  1. वह बहुत खूब किसी के दर्द को आप बहुत अच्छी तरह और बहुत खूबी से समझती हैं ! क्या कहूँ मैं सब्द नही मिल रहे है आपकी तारीफ में बस दो पंक्तियाँ मेरी तरफ से उम्मीद करता हून आपको पसंद आएगी !

    इतने दोस्तो मे भी एक दोस्त की तलाश है मुझे
    इतने अपनो मे भी एक अपने की प्यास है मुझे
    छोड आता है हर कोइ समन्दर के बीच मुझे.
    अब डूब रहा हु तो एक सािहल की तलाश है मुझे
    लडना चाहता हु इन अन्धेरो के गमो से
    बस एक शमा के उजाले की तलाश है मुझे
    तंग आ चुका हु इस बेवक्त की मौत से मै
    अब एक हसीन िजन्द्गी की तलाश है मुझे
    दीवना हु मै सब यही कह कर सताते है मुझे
    जो मुझे समझ सके उस शख्श की तलाश है मुझे.

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  2. बहुत बढ़िया ! दर्द को महसूस कराती पंक्तियाँ !

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  3. मन की कशमकश , भावपूर्ण रचना। बधाई।

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  4. पिछली बार की तरह इस बार भी बढ़िया रचना

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  5. घुटन का आंसू बनकर बह जाना अच्छा है, एक तरह से यह भी कविता का सृजन ही है।...भावपूर्ण रवना।

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  6. वाह क्या खूब परिभाषित किया घुटन को आज तक ऐसे नहीं सोचा था बहुत ही सुंदर

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  7. घुटन जिसकी किस्मत में लिखी गयी है उसे भोगना ही होगा | कुछ घुटन अस्थाई होती है उनके टूटने का इन्तजार होता है |लेकिन स्थाई का कोइ इन्तजार नहीं करता है |

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  8. कल से बाहर था इसलिए इस पोस्ट को नही देख सका!
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    आपने बहुत ही उम्दा रचना लगाई है!
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    साधुवाद!
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    नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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    जय माता जी की!

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  9. संध्या पांडे ने इस रचना पर ईमेल के जरिए ये टिप्पणी की -
    वाह क्या बात कही है . मुझे लगा की यह मेरी कहानी है. उषाजी कहाँ से हर व्यक्ति के मन की बात को कविता में पिरोती है .बहुत दिनों से आप की रचना का इंतजार था .इतना देर मत लगाया करिए .आप को नवरात्री का ढेरो शुभ कामनाएं .

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  10. दर्द की गहराई में डूबी पंक्तियाँ।

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  11. aap sab ka bhut bhut aabhar ........aap logo ka pyar aur prohtsan hi h jo likhne p majboor karta h .....n thnx ratan sing ji hukum ka jinhone apne blog m mujhe jagah di h .....

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