दीवाली की खुशियाँ ,प्रदूषण और ब्लॉग ट्रेफिक

Gyan Darpan
8
दीपावली आई अपने साथ ढेरों खुशियाँ और उपहारों के साथ ढेरों शुभकामना सन्देश लाई लेकिन इन सब खुशियों का इजहार करने के लिए हम ने जो पटाखे छोड़े उन्होंने प्रदूषण भी जम कर फैलाया | दीपावली वाली रात्री को प्रदूषण का आलम यह था कि घर के बाहर निकलते दम घुट रहा था चारों और धुँवा ही धुँवा | सुबह जब उठे तो देखा घर के बाहर सड़क पटाखों के कूड़े से पटी पड़ी है | इस प्रदूषण की मर तो सह गए लेकिन इस त्यौहार पर ब्लॉग के ट्रेफिक पड़े साइड इफेक्ट का दर्द अभी भी कचोट करा है |
दीवाली के एक दिन पहले से ही ब्लॉग पर ट्रेफिक का ग्राफ गिरने लग गया था जो अभी भी संभलने की ही कोशिश कर रहा है |

;

एक टिप्पणी भेजें

8टिप्पणियाँ

  1. हां जी दिवाली पर यह ट्रेफ़िक बहुत कमजोर हो जाता है. अब मिट्ठाई खा पीकर बस मैदान संभालने की तैयारियां हो ही चुकी हैं.:)

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  2. अब ताउजी बोल रहे है तो मैदा संभलाना पडेगा भाई :)

    जवाब देंहटाएं
  3. ब्लागरों को भी छुट्टी मनानी चाहिए। जो मना सकते हैं मना रहे हैं।

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रदूषण और ब्‍लाग ट्रेफिक में उल्‍टा संबंध दिखता है !!

    जवाब देंहटाएं
  5. कांई करो हो रतन सिंग जी,आज ट्रैफ़िक कम है तो कोई बात नही, काल ट्रैफ़िक जाम भी होसी, सम्भाल्ण की तैयारी करो थे,एक कम्पनी फ़ाल्तु लगाणी पड़सी। राम-राम

    जवाब देंहटाएं
  6. अजी ब्लांग वालो को भी तो छुट्टी चाहिये ना... लेकिन सान्नाटा नही, ताऊ जी लोटा मत भुल जाना:)

    जवाब देंहटाएं
  7. त्योहार समाप्त हो चुके हैं तो शायद कल से ट्रैफिक की स्थिति सुधरने लगे......

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रिय रतन, लिखने का यह अंदाजा अच्छा लगा!! उम्मीद है जल्दी ही ट्रेफिक बढ जायगा. प्रदूषण तो थोडाबहुत अभी रहेगा!!

    सस्नेह -- शास्त्री

    हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
    http://www.Sarathi.info

    जवाब देंहटाएं
एक टिप्पणी भेजें