
घुटन

बचपन मे कही से बिखर कानो मे पड़ गया था..... ये शब्द घुटन तब सोचा घुटन से मर जाता होगा इन्सान पर आज जब मे घुट रही हूँ …

धरती माता को रक्त-पिंडदान

भड पडियो रण-खेत में, संचै पूँजी साथ | राज सांधे निज रगत सूं, पिण्ड- दान निज हाथ || वीर-योद्धा रण-क्षेत्र में धराशायी ह…

सायबर संसार में भाजपा की प्रसिद्धी भुनाने लगी कांग्रेस

आपको जानकर हैरानी होगी कि कांग्रेस जैसा राष्ट्रिय सत्ताधारी दल सायबर संसार में अपने विरोधी की लोकप्रियता भुनाने में लगा…

बाला सती रूपकंवर जी : जो 43 वर्ष बिना अन्न जल के रहीं

राजस्थान की जोधपुर जिले की बिलाड़ा तहसील में एक छोटा सा गांव है रावणियां | अब इस गांव का नाम गांव की प्रख्यात सुपुत्र…

Teesri Kasam - Duniya Banane Wale - Mukesh


रेत के झरने

आपने पानी के झरने तो बहुत देखे होंगे पर रेत के झरने देखना तो दूर शायद सुने भी नहीं होंगे | पर आज आपको रेत के झरनों के क…

ब्लोगरज़ूम विजेट और वायरस

आजकल कई ब्लोग्स पर जाते ही एंटी-वायरस उन ब्लोग्स पर वायरस होने की चेतावनी देता है , चेतावनी गौर से देखने पर पता चलता है…

पाबूजी राठौड़ : जिन्होंने विवाह के आधे फेरे धरती पर व आधे फेरे स्वर्ग में लिए

फेरां सुणी पुकार जद, धाडी धन ले जाय | आधा फेरा इण धरा , आधा सुरगां खाय || उस वीर ने फेरे लेते हुए ही सुना कि दस्यु एक…
जिन्दगी क्या है ?

हरिकृष्ण लाल सचदेव हठीलो राजस्थान-14 | हरयाणवी ताऊनामा मेरी शेखावाटी
बंजर जमीं

गहरी साँस का गड्डा खोदकर जो ख्वाब दबा दिए थे मैने बन्धनों की मिट्टी डालकर सदी भर पड़ा अकाल उस , अहसास की जमीं पर हो ग…

अब ऑनलाइन दर्शन कीजिए बाबा रामदेव पीर के

राजस्थान के लोक देवता ,सर्व धर्म समभाव व जन-जन की आस्था के प्रतीक रुणेचा के बाबा रामदेव पीर के अब श्रद्धालु ऑनलाइन दर्…
समेट लू

कुछ खास नहीं हैं मेरे पास करने को , क्यों न ये बिखरा जहाँ समेट लू ........ कुछ गम बुहार लू , फेकूं वहां जहाँ …

पहेली से परेशान राजा और बुद्धिमान ताऊ

रामपुर का राजा गांव के भोले भाले ताउओं से बड़ा प्रभावित था, वह अक्सर शिकार खेलने जाते समय गांवों में भेष बदलकर गांवों …
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राजा मानसिंह आमेर

मात सुणावै बालगां, खौफ़नाक रण-गाथ | काबुल भूली नह अजै, ओ खांडो, ऎ हाथ || काबुल की भूमि अभी तक यहाँ के वीरों द्वारा किये …

सलवटे

क्या लिखू क्या न लिखू , कलम ये ख़ामोश हे ! गिर गया आंख से आंसू सलवटे हे फिर कागज़ पे ! …

शर्त जीतने हेतु उस वीर ने अपना सिर काटकर दुर्ग में फेंक दिया

बिंधियो जा निज आण बस, गज माथै बण मोड़ | सुरग दुरग परवेस सथ, निज तन फाटक तोड़ || अपनी आन की खातिर उस वीर ने दुर्ग का फाटक…

जोधपुर राजघराने में गूंजेगी शहनाइयाँ

संघर्ष एवं क्षत्रिय | गीत संगीत की बाते ताऊ अस्पताल में बाबाश्री ललितानंद जी महाराज
मानव मूल्य

उपरोक्त रचना फेसबुक मित्र श्री हरिकृष्ण लाल सचदेव द्वारा ज्ञान दर्पण पर प्रकाशनार्थ भेजी गयी जो आपके सम्मुख प्रस्तुत ह…

रिश्ते

एक दिन चला था जिंदगी के सफ़र, पर कुछ रिश्तो को लेकर ...... कुछ को कांधे बैठाया कुछ को पलकों पर .......... चला कुछ को …