क्षत्रिय समाज के कुछ सामाजिक नेताओं द्वारा फर्रुखाबाद में कांग्रेस नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद का चुनाव प्रचार करने को लेकर सोशियल मीडिया में भाजपा से जुड़े क्षत्रिय युवाओं द्वारा विरोध किया जा रहा है और उनके चुनाव प्रचार करने के औचित्य पर सवाल उठाये जा रहे हैं, वहीं जो युवा खुर्शीद द्वारा क्षत्रिय समाज के लिए कार्यों के बारे में जानकारी रखते है वे उनसे बहस में जुटे हैं| कुल मिलाकर फूलन हत्याकांड के आरोपी रहे शेर सिंह राणा सहित कुछ क्षत्रिय सामाजिक नेताओं द्वारा पूर्व केन्द्रीय मंत्री खुर्शीद के चुनाव प्रचार को लेकर जोरदार बहस छिड़ी है|
अब सवाल यह उठता है कि दोनों पक्षों में कौन गलत कौन सही ? आपको बता दें शेर सिंह राणा के साथ क्षत्रिय वीर ज्योति मिशन के संयोजक राजेन्द्रसिंह नरुका भी प्रचार में जुटे हैं और विरोध करने वालों का असली टारगेट भी नरुका ही है| आपको बता दें खुर्शीद के प्रचार का विरोध करने वालों में ज्यादातर नरुका का अक्सर विरोध करते नजर आते हैं शायद उसी मानसिकता के वशीभूत वे लोग राजेन्द्रसिंह नरुका का विरोध करने का मौका नहीं छोड़ पा रहे हैं| पर सवाल उनके द्वारा चुनाव प्रचार के औचित्य का है| हम संक्षिप्त में उन कारणों को लिखकर रहे है जिसकी वजह से ये लोग खुर्शीद का प्रचार कर रहे हैं, कारण पढ़कर पाठक इनके द्वारा प्रचार करने के औचित्य का स्वयम आंकलन करे |
जैसा कि हमने पूर्व में लिखा कि शेरसिंह राणा को फूलन हत्याकांड से बरी कराने में सलमान खुर्शीद ने बिना फ़ीस लिए पैरवी की और आज राणा जेल से बाहर है| पद्मावत फिल्म प्रकरण में भी राजपूत समाज का पक्ष रखने के लिए खुर्शीद कोर्ट में पेश हुए थे| आनंदपाल प्रकरण में भी जब क्षत्रिय समाज के नेता खुर्शीद से मिले तब उन्होंने राहुल गाँधी को समझाया कि यह मामला मानवाधिकार का है और उसके बाद कांग्रेस ने इस प्रकरण पर बयान दिए | इस तरह राजपूत समाज के लोगों द्वारा अनुरोध करने पर खुर्शीद ने उनकी बार सहायता की| बस उनके इन्हीं कामों का बदला चुकाने के लिए शेर सिंह राणा के साथ कुछ क्षत्रिय नेता खुर्शीद की जीत सुनिश्चित करने के लिए उनके प्रचार में जुटे है|
वे सही कर रहे हैं या गलत उसका आंकलन आप स्वयम करें|