भविष्य में देशद्रोहियों में लिया जायेगा इनका नाम

Gyan Darpan
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“भविष्य के सबसे बड़े देशद्रोहियों में लिया जायेगा इनका नाम” शीर्षक पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि मैं यह भविष्यवाणी कर रहा हूँ, यह कोई भविष्यवाणी नहीं एक तरह से यह इतिहास की पुनरावृति होगी| आप भी जानते होंगे कि विदेशी व विधर्मी आक्रान्ताओं से हमारे महान पूर्वजों ने सदियों तक लोहा लिया और एक से बढ़कर एक बलिदान दिए| पर इसी देश के इतिहासकारों ने अपने पुरखों की महानता के बजाय सिकंदर, मुग़ल बादशाह अकबर जैसे आक्रान्ताओं को इतिहास में महान लिखा| 1947 में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेसी होना ही देशभक्ति का प्रतीक समझा जाना लगा| जो चुनावी रणक्षेत्र में कांग्रेस के खिलाफ थे उन्हें राष्ट्रविरोधी और कांग्रेस समर्थक को राष्ट्रभक्त समझा गया| आजादी के बाद हर चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व शासकों का चरित्रहनन कर चुनाव जीते| क्योंकि कांग्रेस के पास पूर्व शासकों को अत्याचारी, क्रूर, शोषक आदि कहकर उनका चरित्रहनन करने के अलावा दिखाने के लिए अपने पास कुछ था ही नहीं|

ठीक इसी तरह कांग्रेस के सत्ताच्युत होने के बाद आज भाजपा शासन में कांग्रेसियों को देशद्रोह के प्रमाण पत्र देने का उन्माद जोरों पर है| कभी देशभक्त होने का प्रतीक समझे जाने वाला कांग्रेसी शब्द आज गाली समझा जाने लगा है| सत्ता पक्ष समर्थक जो अपने आपको सबसे बड़ा राष्ट्रभक्त समझते है, अपने से विचारों की थोड़ी दी असहमति होने या भाजपा सरकार के किसी निर्णय का विरोध करते ही सामने वाले को कांग्रेसी, वामपंथी व राष्ट्रद्रोही की संज्ञा तुरंत दे डालते है| मतलब आज भाजपा समर्थक होना ही राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बन गया है और कभी देशभक्त के प्रतीक रहे कांग्रेसी वर्तमान में देशद्रोही कहे जाने लगे हैं|

ठीक इसी तरह भविष्य में भी इतिहास की पुनरावृति होगी और भाजपा की जगह जब तीसरी ताकत सत्तासीन होगी तब आज के कथित देशभक्त, राष्ट्रवादी भविष्य के राष्ट्रविरोधी, देशद्रोही, गद्दार आदि शब्दों से नवाजे जायेंगे| यानी भविष्य में सत्ता में आने वाले अपने आपको राष्ट्रभक्त व वर्तमान स्वघोषित राष्ट्रभक्तों को राष्ट्रद्रोही कहेंगे| यही नहीं इतिहास में भी आज के कथित राष्ट्रभक्तों को देश का गद्दार, देशद्रोही, देश को लूट खाने वाले आदि नामों से दर्ज किये जायेंगे| इसीलिए तो कहा जाता है कि इतिहास हमेशा विजेता की शूरवीरता का लिखा जाता है|

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