करणी सेना ने आलोचकों को दिया करारा जबाब

Gyan Darpan
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27 अक्टूबर 2018 को रैली फ्लॉप होने के बाद राजपूत करणी सेना समाज के बुद्धिजीवियों के निशाने पर थी| सोशियल मीडिया में कई बुद्धिजीवियों के पोस्ट देखे गए जिनमें उन्होंने लिखा कि लोकेन्द्र सिंह कालवी को समाज ने नकार दिया है| उक्त रैली के बाद कुछ राजनैतिक दलों ने भी राहत ली होगी कि उनका विरोध करने वाले को समाज ने नकार दिया| लेकिन कल 11 नवम्बर को लोकेन्द्र सिंह कालवी की राजपूत करणी सेना ने उसी विद्याधरनगर स्टेडियम में जहाँ पिछली रैली फ्लॉप हुई थी, शानदार रैली का आयोजन कर समाज के उन बुद्धिजीवियों के मुंह पर करारा तमाचा मारा जो उन्हें समाज द्वारा नकार दिए जाने की बातें कर रहे थे|

आपको बता दें 27 अक्टूबर को करणी सेना ने बिना किसी तैयारी के रैली का आयोजन कर डाला और सूचना नहीं मिलने के कारण राजपूत समाज रैली में उपस्थित नहीं हुआ और कुर्सियां खाली रह गई| बस इसी बात से गोदी मीडिया, सरकार, कालवी के विरोधी संगठनों की बांछें खिल गई और उन्होंने कालवी का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया| लेकिन कल कालवी की सभा में राजपूत समाज की उमड़ी भीड़ को देखकर गोदी मीडिया, सरकार और विरोधी संगठनों को घोर निराश होना पड़ा| कल की रैली की भीड़ की फोटो देखकर समाज के कथित बुद्धिजीवी चुप है और विरोधी संगठन के सदस्य सोशियल मीडिया पर खिसयाये से नजर आ रहे है|

ज्ञात हो पिछली रैली में एक दैनिक प्रतिष्ठित अखबार ने संख्या मात्र 100 लिखी थी, जबकि 100 व्यक्ति तो हर समय कालवी को घेरे रहते हैं| आज तक टीवी चैनल ने पिछली बार चालीस हजार कुर्सियां खाली रहने की खबर छापी थी, लेकिन देखना यह है कि इस बार आजतक ने कितनी संख्या बताई| क्योंकि कुर्सियां इस बार भी उतनी ही थी, यदि आजतक चैनल की पिछली रिपोर्ट के अनुसार अंदाजा लगाएं तो कल की भीड़ में चालीस हजार अवश्य होने चाहिए थे| खैर…जो भी हो, मात्र दस बारह दिन बाद करणी सेना ने राजधानी जयपुर में भीड़ एकत्र कर साबित कर दिया कि समाज उसके साथ है और समाज को कालवी के नेतृत्व में भरोसा है|

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