महावीर आनंद कुमारी प्रणीत “आनंद सागर” विभिन्न राग-रागनियों में रचित १०५ पदों का संग्रह है| आनंद सागर में मर्यादा पुरुषोतम श्री रामचंद्र और लोक लीला नायक श्री कृष्णचन्द्र की जीवन लीलाओं का आख्यान है| कृति की भाषा ब्रज है तथा विषय वात्सल्य, श्रृंगार, भक्ति,प्रेम शरणागति, क्षमा, दया आदि भावों से ग्रंथित है|
श्री कृष्ण जन्म की सूचना प्राप्त कर बाबा नंद के घर ब्रज-बालाओं का दर्शनार्थ तांता लग गया है| गोपिकाएँ सुन्दर वस्त्राभूषण धारण कर श्री कृष्ण के मुखारबिन्द के दर्शन तथा बधाई देने के लिए उतावली-बावली सी बनी उमड़ गई है| एक बधाई पद बरवा रागनी में इस प्रकार रचित है-
पुत्र जन्म उत्सव सुनि भारी भवन आवत ब्रिज नारी|
बेदी भाल खौर केसर की नथ नकबेसर मांगी संवारी||१||
अलकै लखि अलि अवलि लजावत काजर काजर रेख दिए कारी|
चाल गयंद चंद से आनन् लखि लाजति रति अमित विचारी|
गावति गीत पुनीत प्रीति युत आई जिहां जिहां भवन खरारी |
लीलाधाम श्री कृष्णचन्द्र की जन्म-बधाई के एक अन्य पद में राजकुमार के जन्मोत्सव पर आयोज्य बधाई समारोह का चलचित्र लेखिका की रचना में साकार हो उठा है| वर्णन रजवाडी समारोहों की स्मृति ताजा कर देता है—
पुत्र जन्म भयो सुनि जाचक जन नंद महर धरि आये|
परम पुनीत अवनि अस्थित व्है विपुल बधाई गाये|१||
रीझत सब नर नारि नौछावर दें निज चित्त भुलाये|
नभ अरु नगर भई जय जय धुनि मुनि सुख होत सवाये|
बहु पर भूषण द्रव्य दान तैं जानकि लेत अधाये|
भाषा, पद-योजना, विषय और वर्णन वैदग्ध संत प्रवर सूरदास के कृष्ण भक्ति पदों से समता करते है| लेखिका की कृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति और दीं भाव अनेक पदों के विषय बने है| उस सर्वशक्तिमान के अलावा भक्त का उद्दारक और कौन है जिसके दरबार में भक्त के तारण की गुहार की जा सके-
तुम बिन को भव विपति नसावै|
को दलि दोस दीन के पल मै परम पुनीत कहावै|
इस प्रकार आनंद कुंवरी ब्रजभाषा की एक उच्च कोटि की कवयित्री सिद्ध होती है|
राजपूत नारियों की साहित्य साधना श्रंखला की अगली कड़ी में जोधपुर की रानी प्रताप कुंवरि भटयानी और ईडर की रानी रत्न कुंवरि भटयानी के बारे में जानकारी दी जायेगी|
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जानकारी के लिए आभार ..
जवाब देंहटाएंबढिया श्रृंखला चल रही है
बहुत ही सुन्दर कवित्व और भाव..पढ़वाने का आभार..
जवाब देंहटाएंकरवाचौथ की हार्दिक मंगलकामनाओं के साथ आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (03-11-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
महारानी आनंद कुंवरी सुन्दर कवित्व पढ़वाने के लिये आभार..बढ़िया श्रंखला,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : समय की पुकार है,
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अलवर की महारानी आनंद कुंवरी की जानकारी पढ़वाने के लिये ध्नेवाद
जवाब देंहटाएंविजय सिंह सोलंकी
बीकानेर
vijaysolanki2009@gmail.com