ताऊ और समधन : नहले पर दहला

Gyan Darpan
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ताऊ रामजीलाल गन्ने के खेतों में काम करते करते उकता गया अतः ताऊ रामजीलाल ने कहीं घूम कर आने के उद्देश्य से अपने छोरे की ससुराल जाने का प्रोग्राम बना लिया | ताऊ ने सोचा एक घूमना हो जायेगा और दूसरा समधियों से मिलना भी | और आते वक्त कुछ न कुछ उपहार भी मिल जायेगा |अब छोरे की ससुराल जाना है तो साथ मिठाई आदि भी तो ले जानी पड़ती है अतः ताऊ रामजीलाल कौनसी मिठाई ले जानी चाहिए इस पर गहन विचार करने लगा ताऊ को कुछ समझ नहीं आ रहा था और फिर ताऊ सस्ते में भी निपटने के चक्कर में था | आखिर ताऊ को एक आईडिया आया कि सभी मिठाइयाँ तो चीनी (मीठे) से बनती है और चीनी (मीठा) गन्ने से बनती है अतः क्यों ना छोरे की ससुराल वालों के लिए गन्ने का ही एक गट्ठर ले जाया जाय | गन्ना ताऊ के खेत में खूब था सो ताऊ गन्ने एक गट्ठर बाँध सिर पर रख पहुँच गया अपने छोरे की ससुराल | वहां पहुँच ताऊ गन्ने का गट्ठर समधन को देते हुए बोला -
ताऊ :- समधन जी ! जै राम जी की ! यह लीजिये यह गन्ने का गट्ठर | दरअसल में मिठाई की जगह ये ही ले आया हूँ अब आप देखिए ना गन्ने से ही चीनी बनती है और चीनी से ही मिठाई बनती है अतः जब सब कुछ बनना ही गन्ने से है तो मिठाई आदि लाने का क्या फायदा ?
समधन भी किसी ताई से कम नहीं थी मिठाई की जगह गन्ने की गठरी देख मन ही मन सोचने लगी कि इस कंजूस ताऊ को तो इसका जबाब विदाई के समय दूंगी | आखिर दो दिन की मेहमानवाजी कराने के बाद जब ताऊ अपने गांव आने के लिए रवाना होने लगा तो समधन ताऊ को विदाई के साथ एक कपास(रुई) की गठरी थमा बोली -
समधन :- हे समधी ताऊ ! इसी कपास से धागे बनते है और धागों से ही कपडा बनता है अतः यह कपास की गठरी आपका विदाई उपहार है अपने लिए धोती कुरता बनवा लेना |

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16टिप्पणियाँ

  1. अरे यह ताई तो ताऊ की भी गुरु निकली, बहुत सुंदर, ओर हां ताऊ ने धोती कुरता बनबाया कि नही:)

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  2. भैया लेकिन गन्ने और कपास का भी अपना महत्व है हाँ डींग हाँकने वाले कंजूसों के लिये तो यह एक सबक है ।

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  3. जैइसन ला तैइसन मिलिस, सुन गा राजा भील
    लोहा ला घुना खा गे, लैइका ला, ले गे चील ॥

    रतन सिंग जी बढिया कहाणी सुनाई मजो आयगो, पण बात यो सै के फ़ोटु मै समधण राजस्थान की सै के, या ओर दुसरा स्टेट की,"मुंह उघाड़यां बैठी सै समधी के सामणे" ओ भेद तो खोलणु पड़सी,

    ओर उपर वाली कहावत थारी कहाणी सुं ही संबंध राखै सै, इंको खुलासो पाछै करसुं,

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  4. गनीमत है रात को सुलाते वक्त खटिया पर रुई न बिछाई वर्ना सुबह ताऊ की शकल देखने लायक होती।

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  5. ताऊ ही सम्भले अगर ताई का यह रव्वैया है..धन्य हुए. :)

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  6. हा हा.... ये तो ताऊ की भी ताई निकली... मज़ेदार :)

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  7. आखिर शेरनी ही शेर पर भारी पडती है.:)

    रामराम.

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  8. ताऊ का दर्द बेचारा ताऊ ही जाने...
    दीवाली आपके और पूरे परिवार के लिेए मंगलमय हो...
    जय हिंद...

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  9. ताऊओं के लिए ताई बनाई ही इसलिए गई है....
    दिलचस्प पोस्ट।

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  10. ब्लाग की हैडर इमेज नजर नहीं आ रही है, देखें।

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  11. आप को ओर आप के परिवार को दीपावली की शुभ कामनायें

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  12. हेडर इमेज के बारे में ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद अजीत जी | दरअसल फोटो की साइज़ ज्यादा बड़ी थी जो खुल नहीं पा रही थी अब इसकी साइज़ छोटी कर अपलोड कर दी गयी है |

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  13. ताऊ की इस समधन ताई से शादी हुई होती तो गन्ना खाते और रुई पहनते! :-)

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