वीर रस से सरोबार दोहे : "हठीलो राजस्थान"

Gyan Darpan
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वर्ष 1954 से 1959 तक श्री क्षत्रिय युवक संघ के संघप्रमुख रहे स्व.श्री आयुवानसिंह जी शेखावत ,हुडील एक उच्च कोटि के लेखक, कवि व विचारक थे उन्होंने समाज को राह दिखाने के लिए राजपूत और भविष्य ,ममता और कर्तव्य ,मेरी साधना और वीर रस से भरपूर दोहों का संग्रह "हठीलो राजस्थान" लिखा |
हठीलो राजस्थान नामक पुस्तक जिसमे 360 दोहों का संग्रह है का 1972 में प्रकाशन किया गया जो अप्राप्य है बाद में इस पुस्तक का द्वितीय संस्करण प्रकाशित किया गया | पुस्तक में लिखे सभी दोहे सरल राजस्थानी भाषा में थे इसलिए सभी के लिए इन्हें समझना थोडा मुश्किल समझ श्री आयुवान स्मृति संस्थान ने नए संस्करण में प्रत्येक दोहे के साथ उसका हिंदी अनुवाद भी प्रकाशित किया |
सभी दोहों का हिंदी अनुवाद राजस्थानी भाषा के साहित्यकारों व प्रसिद्ध इतिहासकारों ने जिनमे डा.नारायणसिंह जी भाटी जोधपुर, डा.शम्भूसिंह मनोहर, रघुनाथसिंह जी कालीपहाड़ी आदि सम्मिलित थे ने किया |

स्व.आयुवानसिंह जी द्वारा लिखित ये दोहे अब तक श्री क्षत्रिय युवक संघ के स्वयं-सेवको की पहुँच तक ही सिमित थे पर अब इन्हें आम जन तक पहुँचाने के उद्देश्य के तहत "हठीलो राजस्थान" नामक पुस्तक के वीर रस से सरोबार दोहों का प्रकाशन नियमित रूप से GyanDarpan.com पर हो रहा है जिन्हें पढ़कर आप भी स्व.आयुवानसिंह जी की लेखनी का रसास्वादन जरुर करें |

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6टिप्पणियाँ

  1. हमने तो इस श्रखला की सभी पोस्ट पढ़ ली है और आने वाली पीढ़ी के लिये संग्रह भी बहुत अच्छा बन गया है इसके लिये आपका बहुत बहुत आभार |

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  2. बहुत उतकृष्ट कार्य किया है आपने इसे संजोकर, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  3. राजस्थान के कण कण में वीर गाथाएं विद्यमान है....आप नयी पीढ़ी को इनसे परिचित करवा करके बहुत अच्छा कार्य कर रहे है....

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  4. thnx hukum aapka bhut bhut shukriya jo aap itni acchi acchi jankari ko sahj kar rakh rahe h

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  5. Mai apke Blog se Bahoot Kuch Seekh Rahi Hu Us Waqat Jab Ki Meri Hindi Novel" Saat Hanam ke Baad Rajputs air Arkshan ke baare mai Likhi ja rahi hai.. Mai Yeh baat se bachpan me hi pareshan hoti thi ki Rajput Ke kar Humen Bhaoot Bada Kar diya Jata tha Lakin Paisa Sarkar Unko detei thi kewal Jati ke naam pe . Rajput ko Unchi Jaat Keh kar aur Arthik Hani Pahunchayi gayi. Ham apake bahoot abhari hai ki ham apke sath es blog pe Jude. Dhanayvad.

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