
ब्लोगिंग में कदम रखते ही गूगल एडसेंस के बारे में पता चला कि इससे बहुत कमाई होती है अत: गूगल एडसेंस में पंजीकरण के लिए आवेदन किया और वह स्वीकार भी हो गया, पर कई ब्लॉगस व वेब साईटस पर गूगल एडसेंस के कोड लगाने के बाद भी कमाई क्षीण थी, हालाँकि गूगल विज्ञापनों की इम्प्रेशन संख्या अच्छी खासी होती थी पर क्लिक नहीं के बराबर| अत:कुछ महीनों में ही निष्कर्ष निकाल लिया कि गूगल एडसेंस से कमाई अपने लिए "कोहनी पर गुड़ लगाने" समान है|
उसके बाद विकल्प के तौर पर कई एफिलिटेड प्रोग्राम्स के विज्ञापन लगाये पर उनका अनुभव भी "हिरणों के पीछे दौड़ने" जैसा रहा| फालतू में ब्लॉग पर कई महीनों उनके विज्ञापन से जगह घेरे रखी पर कभी किसी से मिला कुछ नहीं|
ब्लोगिंग में आने के कुछ माह बाद ब्लॉग एग्रीगेटर्स के माध्यम से कई तकनीकि हिंदी ब्लॉगस से परिचय हुआ|उन्हीं ब्लोगों को पढकर तकनीकि में मेरी भी रूचि जागृत हुई, जो ब्लॉग के टेम्पलेट में हेर-फेर करते करते वेब साईट बनाने तक जा पहुंची| कुछ दिन बाद कुन्नू ब्लॉग पर रीसेलर होस्टिंग व्यवसाय के बारे में जाना और कुन्नूजी की सलाह से ही रीसेलर वेब होस्टिंग का कार्य शुरू कर दिया पर अंग्रेजी भाषा का ज्ञान कम होने के चलते मैं उस साईट का ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं कर सका पर धीरे-धीरे ज्ञान दर्पण पर तकनीकि लेख पढ़ने वालों पाठकों ने एक एक कर मेरी होस्टिंग साईट Way4host.com से होस्टिंग लेनी शुरू की,पाठकों के अलावा कुछ ब्लॉग लेखकों ने भी या तो होस्टिंग खरीदी या अपने परिचितों को होस्टिंग दिलवाई| इस तरह मेरी ये होस्टिंग साईट धीरे धीरे ही बेशक पर चल पड़ी|
आज way4host.com के पास जितने भी ग्राहक है वे सब ज्ञान दर्पण की ही देन है इसलिए मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि way4host.com से होने वाली कमाई सीधे-सीधे ज्ञान दर्पण ब्लॉग की ही है| वेब होस्टिंग इन्टरनेट पर एक ऑनलाइन व्यवसाय है और इसमें ग्राहक बहुत सोच समझकर सिर्फ प्रतिष्ठित कंपनियों से होस्टिंग खरीदता है या फिर किसी जानकार से| अत: way4host पर ग्राहकों का आना बहुत मुश्किल था पर ज्ञान दर्पण की प्रतिष्ठा के चलते way4host से होस्टिंग लेने वालों को कोई संदेह नहीं रहता| और बेझिझक होस्टिंग खरीद लेते है|
कुल मिलाकर ब्लॉग से कमाई करने को लेकर अपना अनुभव यही रहा कि ब्लॉग पर सिर्फ पोस्टें ठेलते रहने भर से कमाई नहीं हो सकती पर ब्लॉग के माध्यम से अपने किसी दूसरे व्यवसाय को जिसे इन्टरनेट पर प्रमोट करने से फायदा हो अपने ब्लॉग के माध्यम से प्रमोट कर कमाई की जा सकती है|

"कोहनी पर गुड़ लगाना : तरसाना (कोहनी पर लगा गुड़ चाटने के लिए चीभ नहीं पहुँचती पर गुड़ दिखाई देता है और मन उसे चाटने के लिए तरसता रहता है)|
"हिरणों के पीछे भागना : फालतू की दौड़ लगाना या प्रयास करना| (हम हिरण के पीछे कितने ही भागें वह पकड़ में तो आता नहीं)
बहुत ही सुंदर लेख अच्छी जानकारी दी आपने....बढ़िया पोस्ट
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर स्वागत है.....
रोचक ढंग से समझाया आपने।
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी दी | ब्लॉग लेखन से कमाई तो होती नहीं | पर बहुत से ब्लोगर ऐसे लिख लिख कर अपने ब्लॉग की पापुलरिटी बढाने का प्रयास जरूर करते हैं | आपने अपने अनुभव को हमसे शेयर किया | ब्लॉग से यदि किसी को कमाई हो भी रही है तो वो आंकड़े उपलब्ध करवाना नहीं चाहता | कहीं उसकी कमाई पर कोई डाका न मार ले |
जवाब देंहटाएंचलिए…ठीक है…
जवाब देंहटाएंबढिया जानकारी।
जवाब देंहटाएंआभार।
रतन जी,
जवाब देंहटाएंये वाला लेख का तो कोई जवाब ही नही, आपने ब्लाग लिखने का एक नया तरीका बताया :) (मुहावरे का प्रयोग)
ज्ञानदर्पण का खास बात यह है की ईसपर हर प्रकार का लेख मिल जाता है और सारे पोस्ट बहुत मन से लिखे हुवे हैं।
-- अब आपके ब्लाग का टेम्पलेट एकदम वेबसाईट जैसा लगता है।
कुन्नू।
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा मंच-687:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
विज्ञापनों का लालच तो मुझे भी है किन्तु इतना तकनीकी ज्ञान अर्जित करने की मनोदशा बिलकुल ही नहीं है। आखिरी उम्र में क्या खाक मुसलमॉं होगे?
जवाब देंहटाएंमुहावरे पसन्द आये!
जवाब देंहटाएंwah ,sir mai hinsi me blogging karna chahta hu par ye nahi janta ki hindi me blogging kaise kare
जवाब देंहटाएंअनुभव काम का है
जवाब देंहटाएंसहमत हूँ आपसे। मुझे ऐसी कोई रेगुलर कमाई तो नहीं है पर कुछ लेख और व्याख्यान/प्रस्तुति के लिये जो मानदेय मिला वह ब्लॉग से ही अप्रत्यक्ष रूप से सम्भव हुआ।
जवाब देंहटाएंIt is good. Ads earning may be a good option for side earning but not for regular earning.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंvery interesting and mortivating..
जवाब देंहटाएं@www.HomeTipsAndTricks.com