
रोयल चंद्रहास -रोयल चंद्रहास नामक शाही शराब का निर्माण सन 1863 में जयपुर के अधीन कानोता ठिकाने के शासक जोरावर सिंह जी ने शुरू कराया था इस शराब को बनाने के लिए 80 हर्बल जड़ी बूटियों जिनमे सफ़ेद मूसली,जायफल,आंवले की छल,चन्दन व विभिन्न सूखे मेवों का इस्तेमाल किया जाता है | सर्दियों में सेवन करने वाली यह शाही शराब एक तरह की आयुर्वेदिक दवा के समान है इसे पानी,सोडा व बर्फ के टुकड़ों के साथ मिलकर पिया जा सकता है यह शाही शराब शारीरिक कमजोरी भी दूर कर व्यक्ति को स्वस्थ व बलिष्ठ बनाती है |
रोयल जगमोहन

इसके निर्माण में भी विभिन्न हर्बल जड़ी बूटियों के अलावा मौसमी फल,मुरब्बे,दूध,घी,मिश्री आदि को उपयोग में लाया जाता है | इसके सेवन करने का सबसे बढ़िया मौसम सर्दियों का होता है पर इसे बर्फ के साथ गर्मियों में भी सेवन कर सकते है | आयुर्वेदिक दवा की तरह महत्त्व रखने वाली इस शाही शराब की थोड़ी सी मात्रा खाना खाने के बाद नियमित लेनी चाहिए |
रोयल केसर कस्तूरीरोयल केसर कस्तूरी नामक शाही शराब भी कभी राजा-महाराजाओं के सेवन के लिए विभिन्न हर्बल बूटियों के साथ केसर,सूखे मेवे,विभिन्न पौधों की जड़ें,दूध,देशी घी,जावित्री,गोखरू व मिश्री का उपयोग कर बनाई जाती थी इसका सेवन करने का मौसम भी सबसे बढ़िया सर्दी का मौसम ही होता है | यह शाही शराब भी किसी स्वास्थ्यवर्धक आयुर्वेदिक दवा से कम नहीं है | केसर से बनी इस शाही शराब को बर्फ के साथ गर्मियों में भी पिया जा सकता है पर इसके सेवन का सही मौसम सर्दी ही है |
रोयल माव्लिन

इस शाही शराब को बनाने की प्राचीन विधि ठाकुर विक्रमादित्य सिंह जी द्वारा गंगानगर शुगर मिल्स को उपलब्ध कराने के बाद यह शाही शराब भी बाजार में आप आदमी के लिए उपलब्ध है जिसे गर्मियों में बर्फ के साथ व सर्दियों में गुनगुने पानी के साथ मिलकर पीने का मजा लिया जा सकता है | सर्दियों में तो खांसी,कफ के मरीज को इसे थोड़ी मात्रा में गर्म पानी के साथ सेवन कराने से लाभ मिलता है |
रोयल सोंफरोयल सोंफ हेरिटेज शाही शराब का निर्माण शेखावाटी के झुंझुनू जिले के महणसर ठिकाने के ठाकुर करणी सिंह जी ने १८ वीं सदी में विभिन्न आसव व फलों का उपयोग करते हुए अपने कुलगुरु के दिशानिर्देश में शुरू किया था |जिसका उपयोग बीकानेर,कश्मीर,नेपाल आदि के महाराजा करते थे ठाकुर करणी सिंह जी ने सोंफ इलायची,गुलाब,पान,पुदीना,सेव,मौसमी,अंगूर,मतिरा (तरबूज) आदि के उपयोग से शाही निर्माण की विभिन्न विधियाँ इजाद की |
महणसर के ठाकुर जय सिंह जी की पुत्र वधु श्रीमती मधु कँवर द्वारा इन विधियों को गंगानगर शुगर मिल्स को देने के बाद गंगानगर शुगर मिल्स इन विधियों से यह शाही शराब बनाकर उसका व्यापारिक विपणन करती है |
इस शाही शराब को भी जो दवा का महत्त्व रखती है का किसी भी मौसम में उपयोग किया जा सकता है |
रोयल इलायची

यह शाही शराब भी केसर की पत्तियों,इलायची,मिश्री व विभिन्न जड़ी बूटियां मिश्रित कर बनाई जाती है इस शाही शराब में किसी भी तरह के रासायनिक पदार्थ व रंग आदि का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता| इसे वर्ष भर सेवन किया जा सकता है गर्मियों में इसका सेवन बर्फ के टुकड़ों के साथ थोड़ी थोड़ी मात्रा में खाना खाने के पहले करना चाहिए |
रोयल इलायची शाही शराब पाचन क्रिया को सही व शरीर व दिमाग को ठंडा रखती है साथ ही मांसपेशियों में दर्द व सूजन सम्बन्धी रोगों को रोकती है |
रोयल एप्पल ओरेंजरोयल एप्पल ओरेंज शाही हेरिटेज शराब भी शेखावाटी के ठिकाने महणसर में इजाद की गयी थी यह भी गर्मियों में सेवन करने वाला ब्रांड है इस शाही शराब को बनाने की प्राचीन विधि भी गंगानगर शुगर मिल को श्रीमती मधु कँवर महणसर ने उपलब्ध करायी जिसके बाद गंगानगर शुगर मिल्स इसका व्यवसायिक उत्पादन कर आम शराब के शौकीनों के लिए उपलब्ध करा रही है | इस शाही शराब ने भी सेव,संतरों के अलावा विभिन्न आसव मिलाये जाते है यह भी पाचन शक्ति दुरुस्त करती है केलिस्ट्रोल घटाती है और संक्रमण की रोकथाम में लाभ पहुंचाती है |
रोयल रोज

शाही शराब के उपरोक्त प्रीमियर ब्रांडों के अलावा शेखावाटी के झुंझुनू जिले के महणसर ठिकाने की महाराणी महणसर , महाराजा महणसर,रोयल महणसर आदि ब्रांडों के नाम से केसर,इलायची,पान,सोंफ,गुलाब आदि फ्लेवर के ढेरों शाही ब्रांड बाजार में उपलब्ध है ,यही नहीं राजस्थान पर्यटन निगम भी शाही रेल 'पेलेस ऑन व्हील्स' में सवारी करने वाले पर्यटकों का शाही स्वागत करते समय उन्हें यही शाही हेरिटेज शराब परोसती है |
जानकारी व फोटो का स्रोत व संदर्भ यहाँ हैउपरोक्त सभी ब्रांड्स राजस्थान के बड़े शहरों के चुनिन्दा अंग्रेजी शराब विक्रेताओं के पास उपलब्ध रहती है आपका जब भी राजस्थान घुमने का कार्यक्रम बने और आप शराब के शौक़ीन है तो इन रोयल हेरिटेज प्रीमियम ब्रांड्स का मजा अवश्य लें |
ताऊ ने पीना छोड़ा |
अगर आप मोबाईल रिचार्ज का काम करते है तो सावधान हो जाए !
ताऊ डाट इन: ताऊ पहेली 82 (Swarna Gufa-Rajgir bihar)
उड़न तश्तरी ....: अंतिम फैसला: एक लघु कथा
जिदगी एक सफ़र है सुहाना, यहाँ कल क्या हो किसने जाना |
भाई रतनसिंग जी फ़ोटु दिखाणे से काम नहीं चलेगा।
जवाब देंहटाएंअगर इसका स्वाद लिया जाए तो कुछ बात बने,
कुरियर से आ जाएगी क्या?
:):):)
राम राम
मजेदार जानकारी है .
जवाब देंहटाएंहिन्दीकुंज
अरे हम तो कल से बेठे थे कि भाई एक दि बुंद हमे भी मिलेगी, लेकिन आप ने तो फ़ोटू से ही काम करवा दिया, वेसे अच्छा होता आप इन का मुल्य भी लिख देते, इस अति सुंदर जनकारी के लिये आप का धन्यवाद
जवाब देंहटाएंशराब की शीशियाँ तो बहुत जोरदार हैं!
जवाब देंहटाएंvery nice, i read this before
जवाब देंहटाएंbut very interesting
http://vkkaushik1.blogspot.com/
आ ठेका आळी गळी देख कै तो पिण्डत जी भी पीण लाग ज्या गा |
जवाब देंहटाएंशराब पीते नहीं मगर आपने जो दर्शन करवाये हैं, चखने को मन कर रहा है.
जवाब देंहटाएंयह सब की सब तो स्वास्थ्यवर्धक निकलीं।
जवाब देंहटाएंललित जी
जवाब देंहटाएं@ कोरियर सूं तो आ कोनी भेजी जा सकै पण अबकी जोधपुर या जयपुर जाणे का काम पड्या तो ल्या यर राखुन्गा जब तक थै ताऊ की तरयियाँ "बातां की ब्यालू करो "
बातां की ब्यालू (बातों ही बातों में डिनर) |
@ नरेश जी
ऐ पिण्डत जी ही तो पीण लाग्ग्य जद ही तो आ महंगी हुगी
बहुत ही बढिया जानकारी है भाया, पण अब तो पिण खातिर जी चाल लाग्यो, म्हारै अठ कुवैत मैं मिल कोनी के करां जी !
जवाब देंहटाएंहुई महंगी बहुत शराब थोङी थोङी पिया करो !
जवाब देंहटाएंरतनजी क्या आपको पता है, महनसर की शराब के बारे मे, अगर पता नही है तो एक बार पीकर जरुर देखना !
जवाब देंहटाएंसीताराम जी
जवाब देंहटाएंमै शराब का शौकिन तो नही हूं पर महारानी महणसर के गुलाब,पान,सोंफ़,ईलायची आदि ब्रांड का स्वाद मैनें भी चखा है वाकयी अनुभव बढिया रहा |
दिल्ली मे जिन मित्रों को मैनें रोयल केसर व महणसर वाली पिलाई वे आज भी उसे याद् करते नही थकते |
@ राज भाटीया जी
जवाब देंहटाएंअपन तो जगाधरी न.१ से ही काम चलाओ.:)
रामराम
आज तक तो नही पी आगे भी पीने का कोई इरादा नही
जवाब देंहटाएंno! never!
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