एक भूमिगत सुरंग पार करनी है सदियों पुराने मंदिर में प्रवेश के लिए

Gyan Darpan
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पीसांगन फोर्ट में एक देवी का मंदिर बना है, इसी देवी मंदिर में  एक खिड़की नुमा छोटा सा किवाड़ देखकर दिखाई देता जो देखने में लगता है  कि दीवार में कोई आलमारी बनी होगी पर ये भी एक दरवाजा है | इस दरवाजे को खोलते ही एक अँधेरी सुरंग दिखाई देती है इस सुरंग के आगे भूमिगत शिव मंदिर बना है जिसमें प्रवेश के लिए इसी सुरंग का प्रयोग किया जाता है |

दरअसल इस भूमिगत मंदिर में जाने के लिए सुरंग में सीढियाँ बनी है जिनके माध्यम से इस प्राचीन मंदिर में पहुंचा जा सकता |

इन सीढियों से नीचे उतर कर आप सदियों पहले बने इस प्राचीन मंदिर में पहुँच जाते हैं और मंदिर में प्रवेश करते ही सबसे पहले आपको नंदी की प्रतिमा नजर आती है | आगे एक कक्ष में शिव लिंग बना है और शिव लिंग के ऊपर एक छोटा सा छेद बना है जो शायद ऊपर पानी टपकने से बना हो | मंदिर में कुछ प्रतिमाएं भी लगी है पर अँधेरा होने के कारण पहचानी नहीं जा सकी कि ये प्रतिमाएं किन देवताओं की है |

इस मंदिर में वास्तुकला का शानदार प्रयोग किया गया है, खम्भों पर खुदाई कर सुन्दर कलाकृतियाँ बनाई गई है | वर्तमान किले के मालिक इसे पंवार काल में बना मानते हैं पर जानकर बताते हैं कि इस मंदिर की वास्तुकला गुप्तकालीन है यानी यह मंदिर कब बना, किसने बनाया, इस विषय पर प्रमाणिक रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता | बस हम इतना ही कह सकते हैं कि मंदिर प्राचीन है सदियों पुराना है |

हो सकता है पंवार राजवंश से पहले भी यहाँ किसी अन्य राजवंश में राज किया हो और उसी ने यह मंदिर बनाया हो | पर जिसने भी बनाया बहुत सुन्दर बनाया था. 

धन्यवाद | जय भारत 

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