एक अनोखा पेड़ जिस पर लगते है हुबहू महिला आकृति जैसे फल

Gyan Darpan
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मानव भले ही अन्तरिक्ष में कितनी ही ऊँची छलांग लगा ले, लेकिन अभी तक धरती पर प्रकृति द्वारा रचित सभी रचनाओं को नहीं खोज पाया है| अभी भी प्रकृति द्वारा अनेकों रचनाएँ है जिनसे मानव बहुत दूर है| इस तरह की प्रकृति प्रदत रचनाएँ शैने: शैने: मानव के सामने आती रहती है और वह इन पर अनुसन्धान में जुट जाता है|
आज ऐसी ही प्रकृति माँ द्वारा रचित रचना का एक चित्र मेरे सामने आया तो सोचा क्यों ना पाठकों से इसे साझा किया जाय|
प्रस्तुत चित्र में पेड़ पर लटकी निर्वस्त्र महिला आकृति आपको साफ़ दिख रही होगी, पर जनाब इस पेड़ पर इस तरह किसी महिला का शरीर नहीं लटका हुआ है, बल्कि हुबहू महिला की आकृति वाले ये इस पेड़ के फल है|
जी हाँ ! इस पेड़ पर आपको महिला शरीर की जो आकृतियाँ लटकी दिखाई से रही है वे इस पेड़ के फल ही है| इस चित्र में महिला की आकृति वाले पुरे विकसित हुए फलों के साथ आप उन फलों को भी देख सकते है, जो अभी पूर्ण विकसित नहीं हुये और वे धीरे धीरे बढ़कर महिला शरीर की आकृति ग्रहण कर रहे है|

संसार का आठवां आश्चर्य यह पेड़ हिमालय में पाया जाता है और इस पेड़ पर 12 वर्ष में एक बार इस तरह के फल आते है| इन पेड़ों के सानिध्य में रहने वाले ऋषि-मुनियों ने नारी के नाम पर इस पेड़ का नामकरण "नारीलता" कर रखा है, पर वनस्पति विज्ञान के अनुसार इस पेड़ के नाम के बारे में फिलहाल कोई नहीं जानता|
मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल इन पेड़ों की उपस्थिति वाले क्षेत्र के पास स्थित एक ऋषि आश्रम से जानकारी प्राप्त करने के बाद वनस्पति विशेषज्ञ इस पर अनुसन्धान करने में जुटे है| "भेदी नजर" दैनिक समाचार पत्र के स्वामी श्री गिरीश जी शर्मा के अनुसार यह चित्र उन्हें हिमालय में बसे हिमाचल प्रदेश के अल्मोड़ा जिले के ताल्लुका नामक गांव में उनके गुरु श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर सच्चितानंद जी महाराज के आश्रम में रहने वाले उनके एक शिष्य ने भेजा है| हालाँकि नारीलता Narilata नाम से गूगल सर्च करने पर इस पेड़ के ढेरों चित्र सामने आते है| गिरीश जी के अनुसार उनके गुरूजी का आश्रम माउन्ट एवरेस्ट के काफी नजदीक है और उसी क्षेत्र में इस तरह के ये अनोखे पेड़ पाये जाते है| जिन्हें विश्व का आठवाँ आश्चर्य कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं|


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