अनूठी मित्रता
सच्चा, हर परिस्थिति में साथ देने वाला मित्र मिलना किसी भी व्यक्ति के जीवन में अमूल्य उपहार मिलने से कम नहीं है| किसी भ…
सच्चा, हर परिस्थिति में साथ देने वाला मित्र मिलना किसी भी व्यक्ति के जीवन में अमूल्य उपहार मिलने से कम नहीं है| किसी भ…
Man Mandir Varansi आमेर के राजा मानसिंह ने देश के विभन्न भागों में बहुत से मंदिरों का निर्माण करवाया व कई मंदिरों का …
Truth of Tantya Tope's hanging सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के चर्चित और महत्त्वपूर्ण नायक तांत्या टोपे के बार…
आमेर के इतिहास प्रसिद्ध राजा मानसिंह सनातन धर्म के अनन्य उपासक थे. वे सनातन धर्म के सभी देवी और देवताओं के भक्त थे व…
किसी भी राजा या धर्म की ध्वजा उनके वर्चस्व, प्रतिष्ठा, बल और इष्टदेव का प्रतीक होता है। हर राजा, देश या धर्म की अपनी …
26 अगस्त 1915 ई. को सलेमाबाद में निम्बार्क पीठ के राधा-कृष्ण के भव्य मंदिर को ए.जी.जी. राजपुताना के सैक्रेटरी और इंस्प…
हर पूनम मेलो भरै, नर उभै कर जोड़ | खांडै परणी नार इक, सती हुई जिण ठोड ||१९६|| वीर की तलवार के साथ विवाह करने वाली वीरां…
धरती जाती नह रुकै, निबलां नांजोगांह | रजवट बाँधी आ रसा, जावै नह जोगांह ||१९०|| निर्बल और योग्य व्यक्तियों के अधिकार से …
लोपण पहलां पाल पर, कोपण पहलां पेख | रोपण चाल्यो आज थूं , मणधर माथै मेख ||१८४|| हे वीर ! तू शत्रु-सेना को देखने से पहले …
तोपां जाझां ताखड़ी, सीस पडै कट कट्ट | बण ठण बैठा किम सरै, रण माची गहगट्ट ||१७८|| वीर पत्नी पति से कहती है – तोपें गरजती…
लेवण आवे लपकता, सेवण माल हजार | माथा देवण मूलकनै, थोडा मानस त्यार ||१७२|| मुफ्त में धन लेने के लिए व धन का संग्रह करने …
पेट फाड़ पटकै सिसू , रण खेतां खूंखार | बगसै माफ़ी बिरियाँ , सरणाई साधार ||१६६|| माता ने अपना पेट चीर कर जो पुत्र उत्पन्न …
ठाणा लीलो ठणकियो, सुण बैरी ललकार | सुत धायो ले सैलड़ो, धव खींची तरवार ||१६०|| शत्रु की ललकार सुन कर अस्तबल में बंधा हुआ…
जौहर ढिग सुत आवियो, माँ बोली कर प्रीत | लड़णों मरणों मारणों, रजवट रुड़ी रीत ? ||१५४|| जौहर में जलती हुई माँ के सम्मुख ज…
भाज्यां भाकर लाजसी, लाजै कुल री लाज | सिर ऊँचौ अनमी सदा, आबू लाजै आज ||१४८|| यदि मैं युद्ध क्षेत्र से पलायन करूँ तो गौर…
रण तज घव चांटो करै, झेली झाटी एम || डाटी दे , धण सिर दियो, काटी बेडी प्रेम ||१४२|| कायर पति रण-क्षेत्र से भाग खड़ा हुआ |…
दो-दो लंगर पाँव में, माथै दो दो मोड़ | दो दो खग धारण कियां, रण- लाडो बेजोड़ ||१३६|| यह अनूठा शूरवीर जिसके पांवों में दो…
सिर देणों रण खेत में, स्याम धर्म हित चाह | सुत देणों मुख मौत में, इण धर रुड़ी राह ||१३०|| रण-क्षेत्र में अपना मस्तक अर्…