न्यू मीडिया : परिचय

Gyan Darpan
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धरती पर उपस्थित हर एक जीव आपस में सूचनाएँ आदान-प्रदान करने हेतु एक माध्यम का उपयोग करता है| ये माध्यम इशारे, आवाज या कोई दूसरे संकेत व साधन भी हो सकते है| मनुष्य ने भी पृथ्वी पर आने के बाद आपसी सूचनाएँ प्रेषित करने के लिए कई माध्यम अपनाए और इन माध्यमों का समय व जरुरत के अनुसार समय समय पर विकास भी किया| अपने विकास के शुरू में हो सकता है मानव ने भी जानवरों की तरह आपसी सूचनाएँ संप्रेषित करने के लिए इशारों का माध्यम के रूप में प्रयोग शुरू किया जिसका विकास करते हुए भाषा का अविष्कार किया| भाषा के अविष्कार के बाद मानव एक दूसरे से बातचीत करके व अपनी बात कहकर आपस में सूचनाओं और विचारों का आदान-प्रदान करने लगा| पर भाषा के अविष्कार करने के बाद भी मानव की सूचनाएँ प्रेषित करने के माध्यम की अपनी एक सीमा ही रही| वह उन्हीं लोगों तक सूचनाएँ पहुंचा सकता था जहाँ तक उसकी पहुँच बन पाती थी| अत: मानव ने दूर दूर तक सूचनाएँ प्रेषित करने के लिए लिपि का अविष्कार किया| लिपि के माध्यम से पत्र लिखकर उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजकर अपने दूर रहने वालों तक सूचनाएँ भेजना शुरू किया|

शुरू में यह पत्र व्यवहार व्यक्तिगत सूचना भेजने के माध्यम तक सीमित रहा पर उसके बाद मानव ने इसे व्यक्तिगत के साथ सार्वजनिक सूचना प्रेषित करने के माध्यम में भी प्रयोग करना शुरू कर दिया | एक पत्र पर सार्वजनिक संदेश लिखकर उसे सार्वजनिक स्थल पर चिपका कर वह संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाया जाने लगा या पत्र में लिखी सूचना किसी एक व्यक्ति द्वारा जगह जगह लोगों को इकठ्ठा कर सुना कर प्रेषित की जाने लगी| समय के साथ मानव ने कागज पर लिखने के लिए मशीनों का अविष्कार किया जो प्रिंटिंग प्रेस के नाम से जानी जाने लगी| इन टंकण मशीनों पर मानव ने सूचनाएँ भेजने के लिए थोक में एक जैसे पत्र छापकर घर घर पहुँचाने शुरू किये|
इन्हीं पत्रों को हमने समाचार पत्रों का नाम दिया जिसे अखबार के नाम से भी जाना जाता है| ये समाचार पत्र शुरू में एक शहर में शुरू हुए पर धीरे धीरे ये अपनी शहर की सीमाएं लांघते राज्य स्तर फिर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने लगे| मानव समाज द्वारा ये समाचार पत्र सूचनाएँ आदान-प्रदान करने के आज भी सशक्त माध्यम बने हुए है|

अख़बारों के बाद मानव ने सूचनाएँ त्वरित गति से जन-जन तक पहुँचाने हेतु पहले रेडियो व बाद में टेलीविजन का अविष्कार कर उसे माध्यम बनाया| चूँकि अख़बारों की छपाई व एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाने में काफी समय लगता है जबकि रेडियो व टेलीविजन पर सूचना मिलते ही उसे प्रसारित कर लोगों तक त्वरित गति से पहुंचाई जा सकती है| आज मानव समाज इन माध्यमों का बहुतायत से उपयोग कर रहा है| इस तरह मानव जीवन में सूचनाएँ प्रेषित करने के अखबार ,रेडियो व टेलीविजन सशक्त माध्यम बन गए| आधुनिक समाज ने अखबार को प्रिंट मीडिया व टेलीविजन को टी.वी. मीडिया के नाम से संबोधित कर इन दोनों, तीनों माध्यमों को सामूहिक रूप से “मीडिया” नाम दिया|

पर मानव द्वारा सूचनाएँ सम्प्रेषण के माध्यम की विकास यात्रा इसके बाद भी रुकी नहीं और इसी विकास यात्रा में मानव ने इन्टरनेट का अविष्कार किया| इन्टरनेट के माध्यम से अपने घर बैठे अपने कंप्यूटर पर अपना संदेश टंकण कर सुदूर बैठे अपने रिश्तेदार व सम्बंधित व्यक्ति को त्वरित गति से कुछ ही क्षणों में भेजना शुरू किया| शुरू में इस माध्यम में भी सूचनाएँ सिर्फ आपस में ही भेजी जाने लगी पर धीरे धीरे इन्टरनेट पर कुछ ऐसी वेब साईटस का प्रयोग शुरू हुआ जहाँ व्यक्तियों के समूह बनने लगे और समूह के लोग आपसी सूचनाओं व संदेशों का आदान-प्रदान करने लगे| इस सूचनाओं ने परम्परागत मीडिया की गति को तो पीछे छोड़ दिया साथ ही इसकी सीमाएं भी असीमित हो गई| हालाँकि इन वेब साईटस को बनाने वालों का मुख्य उद्देश्य लोगों द्वारा आपसी मेल मुलाकात व जान-पहचान बढ़ाकर अपना सामाजिक दायरा बढ़ाना था|
लोगों द्वारा अपना सामाजिक दायरा बढाने हेतु समूह बना कर आपसी सूचनाओं का आदान-प्रदान करने की सुविधाएँ उपलब्ध कराने वाली ऐसी वेब साईटस को लोगों ने सोशियल मीडिया का नाम दिया| उतरोतर ये सोशियल वेब साईटस काफी लोकप्रिय हुई और इनके उपयोगकर्ता बढते गए और यह संख्या आज भी बढती ही जा रही है| विश्व में पिछले कुछ वर्षों में हुए कई देशों के आन्दोलनों में इस सोशियल मीडिया का प्रभाव व उपयोगिता स्पष्ट देखी गई है| मिश्र,लीबिया,सीरिया, भारत में अन्ना आंदोलन व अभी हाल ही मैं दिल्ली बलात्कार कांड के खिलाफ छिड़े आंदोलन में आंदोलनकारियों द्वारा सोशियल मीडिया सूचनाएँ संप्रेषित करने का मुख्य माध्यम बना|

पर चूँकि सोशियल मीडिया में व्यक्ति अपनी सूचनाएँ सिर्फ एक समूह तक भेजने तक ही सीमित रहता है| साथ ही उसके द्वारा दी गई सूचनाओं की सूचना जगह पर टिके रहने की उम्र या कहें समय सीमा बहुत कम होती है अत: व्यक्ति को ऐसे माध्यम की जरुरत होती है जो उसकी सूचना को असीमित व्यक्तियों तक पहुंचा सके| मानव की यह जरुरत पुरी करता है इन्टरनेट पर उसका “ब्लॉग” या कहें उसकी “वेब साईट”| ब्लॉग या वेब साईट पर कोई भी व्यक्ति सूचनाएँ लिखकर एक क्लिक में लोगों की असीमित संख्या और विश्व के किसी भी कोने में पहुंचा सकता है| यही नहीं ब्लॉग या वेब साईट पर लिखी गई सूचनाएँ असीमित समय तक इन्टरनेट पर मौजूद रहती है जो समय समय पर लोगों के सामने आती रहती है|

आज कितने ही लोग व संस्थाएं अपनी वेब साईट या ब्लॉग के माध्यम से लोगों तक अपनी बात, अपने विचार, अपने द्वारा प्रायोजित कार्यक्रमों की सूचनाएँ विश्व के कोने कोने में फैले लोगों तक पहुंचा कर वैश्विक रूप धारण किये इस नए माध्यम जिसे ‘न्यू मीडिया” के नाम से जाना जाता है, का उपयोग कर रहें है|

अत: उपरोक्त विवेचन से साफ है कि- परम्परागत प्रिंट मीडिया, टी.वी. मीडिया व रेडियो जिसे “मीडिया” के नाम से जाना जाता है वैसे ही ब्लॉगस, वेब साईटस और सोशियल वेब साईटस को “न्यू मीडिया” के नाम से जाना जाता है| हालाँकि “न्यू मीडिया” पारंपरिक मीडिया की तरह संगठित नहीं नहीं है फिर भी असंगठित होते हुए भी “न्यू मीडिया” ने हाल ही विश्व में हुए बड़े बड़े आन्दोलनों में प्रमुख भूमिका निभाकर अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करायी है| न्यू मीडिया की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका हर उपयोगकर्ता स्वयं एक पत्रकार है, स्वयं संपादक है, स्वयं प्रकाशक है| इसमें दी गई सूचना एक क्लिक में ही पुरे विश्व में पहुँच जाती है| “न्यू मीडिया” के किसी भी तरह के बंधन से मुक्त होने, त्वरित गति होने व वैश्विक पहुँच होने जैसी विशेषताओं के चलते आने वाले समय में इसकी उपयोगिता व महत्त्वपूर्णता बढ़नी तय है|

नोट : आगे के लेखों में भी न्यू मीडिया के बारे में चर्चा की जाएगी|


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8टिप्पणियाँ

  1. अच्छी जानकारी देती रचना है |नव वर्ष शुभ और मंगल माय हो |
    आशा

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  2. विस्तृत जानकारी के लिए आभार,
    नववर्ष की मंगल शुभकामनायें

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  3. सबसे बड़ी बात ये है की न्यू मीडिया बिकाऊ नहीं है|पारंपरिक मीडिया राजनीती से प्रभावित हो गयी है|क्या सच है क्या झूठ? ये बता पाना मुश्किल है वही न्यू मीडिया ने सच को सामने लाने का काम किया है|

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  4. हर तरफ की खबर लाकर सुना देती है आजकल की न्यू मिडिया ...समय समय पर सरकार व लोगों चेताने का कम भी किया है।
    ज्ञान वर्द्धक पोस्ट ...

    यहाँ पर आपका इंतजार रहेगाशहरे-हवस

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  5. न्यू मिडिया के बारे मे बताने का अनोखा तरीका अपनाया है! तारीफे काबिल है रतन सिंह जी

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  6. नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं
    आपकी यह पोस्ट 3-1-2013 को चर्चा मंच पर चर्चा का विषय है
    कृपया पधारें

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