दिल्ली में गूंजी राजस्थानी होली गीतों की स्वर-लहरियां

Gyan Darpan
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देश की राजधानी दिल्ली के आयानगर खेल परिसर में शनिवार शाम आठ बजे से देर रात तक रामगढ शेखावाटी से आये राजस्थानी कलाकारों ने होली गीतों पर थिरकते हुए शमा बांधे रखी| कार्यक्रम का आयोजन राजस्थानी संस्कृति परिषद, आयानगर दिल्ली द्वारा किया गया| इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के साथ ही स्थानीय आयानगर निवासियों ने राजस्थानी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य व गीतों का सुनने का लुफ्त उठाया|

कार्यक्रम अंजनी गनेडीवाल की अध्यक्षता में हुआ जिसमें जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत, सीकर सांसद स्वामी सुमेघानन्द व मौसम विभाग भारत के महानिदेशक डा.लक्ष्मण सिंह राठौड़ विशिष्ठ अतिथि थे| इस अवसर पर स्थानीय विधायक करतार सिंह तंवर, कस्तूरबानगर विधायक एडवोकेट मदनलाल व पूर्व विधायक ब्रह्मसिंह तंवर भी शरीक हुए| सभी अतिथियों का स्वागत राजस्थानी संस्कृति के अनुरूप राजस्थानी साफा पहना व संस्था का प्रतीक चिन्ह देकर किया गया|

शेखावाटी से आये लोक कलाकारों के साथ ही जयपुर से आई प्रसिद्ध राजस्थानी लोक नर्तिका निष्ठा अग्रवाल ने अपनी नृत्य प्रस्तुती से दर्शकों का मन मोह लिया| निष्ठा अग्रवाल ने नुकीली कीलों व दो नंगी तलवारों की धार पर खड़े होकर सिर पर कई मटके रख नृत्य प्रस्तुत किया जिसे देख दर्शक अचम्भित हो गए|
सुजान गढ़ से आये शिव कुमार पारीक ने कार्यक्रम में शानदार मंच संचालन किया वहीं परिषद के कार्यकर्ता सुरेन्द्र शर्मा, रमाकांत पारिक, गोविन्द पारीक, शार्दुल सिंह राठौड़, रामकरण मीणा आदि ने आयोजन को सफल बनाने हेतु कठोर परिश्रम किया|

परिषद अध्यक्ष ओनार सिंह शेखावत ने ज्ञान दर्पण से विशेष बातचीत में बताया कि आधुनिकता की अंधी दौड़ व राजस्थान से दूर रहने के चलते नई पीढ़ी अपनी संस्कृति को भूलती जा रही है| अत: नई पीढ़ी को राजस्थानी संस्कृति से जोड़े रखने व इसका प्रचार-प्रसार करने हेतु उनकी संस्था हर वर्ष होली से पूर्व इस तरह का सांस्कृतिक आयोजन करती है और आगे भी करती रहेगी|


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2टिप्पणियाँ

  1. राजस्थानी होली तो बहुत ही सांस्कृतिक लगती है। सादर।।

    नई कड़ियाँ :- आम बजट के कुछ दिलचस्प ज्ञान तथ्य

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  2. आपको बताते हुए हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि हिन्दी चिट्ठाजगत में चिट्ठा फीड्स एग्रीगेटर की शुरुआत आज से हुई है। जिसमें आपके ब्लॉग और चिट्ठे को भी फीड किया गया है। सादर … धन्यवाद।।

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