धंधे के लिये झुकने को तैयार बालाजी टेलीफिल्मस

Gyan Darpan
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जोधा अकबर सीरियल में इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर करणी सेना सहित देश के विभिन्न राजपूत युवा संगठनों ने सीरियल शुरू होने से पहले ही इसका विरोध शुरू कर दिया था, पर जी टीवी व बालाजी टेलीफिल्मस इस विरोध को भी सीरियल की टीआरपी बढाने में इस्तेमाल करने लगे| जी टीवी के साथ संगठनों की पहली बैठक IBF के ऑफिस में हुई जहाँ उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि उनका सीरियल के निर्माण से कोई लेना देना नहीं है, उन्होंने सिर्फ बालाजी टेलीफिल्मस को सीरियल दिखाने के लिये समय आवंटित किया है|

सीरियल शुरू होने के एक दिन पहले गुडगांव में जी टीवी टीम के साथ बालाजी की और से खुद अभिनेता जितेन्द्र शामिल हुये| उस बैठक में भी जी टीवी ने सीरियल के स्वामित्व वाली उपरोक्त बात दोहराई और उस पर बालाजी की पूरी टीम चुप्पी साधे बैठी रही, सामाजिक संगठनों व लोकेन्द्र सिंह कालवी के लाख समझाने व खुद जितेन्द्र द्वारा यह मानने के बाद कि सामाजिक संगठन सही कह रहे है इतिहास से छेड़छाड़ हुई है पर अब हम इतने आगे बढ़ गये कि पीछे लौटना मुस्किल है और वार्ता बेनतीजा रही|

दुसरे दिन से सीरियल का प्रसारण शुरू हो गया, साथ विभिन्न जगह हुए विरोध प्रदर्शनों को भी जी टीवी व बालाजी ने टीआरपी के लिए खूब भुनाया| लेकिन जैसे ही बालाजी टेलीफिल्मस की एक फिल्म रिलीज हुई और करणी सेना के खौफ के चलते राजस्थान में कोई भी सिनेमा हाल मालिक फिल्म के प्रदर्शन को राजी नहीं हुआ तब एकता कपूर जयपुर आई और मीडिया के कैमरों के सामने करणी सेना की सभी मांगे मांगते हुए राजपूत समाज से माफ़ी मांगी और सीरियल से हटने की बात कही| पर जैसे ही उसकी फिल्म रिलीज हो गई तब एकता कपूर अपने वादे से मुकर गई, देशी भाषा में कहूँ तो एकता कपूर फ़िल्मी धंधे के लिये थूक कर चाट गई|

लेकिन अब एकता कपूर की आगामी दिनों में पांच फ़िल्में आनी वाली है कईयों का तो प्रदर्शन भी विरोध के डर से रोका गया है, ऐसे में धन कमाने व अपने धंधे के लिए किसी भी स्तर तक गिर जाने वाले फ़िल्मी लोग नुकसान कैसे सहन कर सकते है? फिर अब सीरियल की बची कड़ियों को छोड़ देना पांच फिल्मों से होने वाले नुकसान से कहीं बहुत कम है| सो बालाजी टेलीफिल्मस ने तय किया कि सीरियल का छोटा घाटा सहन कर फिल्मों में होने वाला बड़ा घाटा रोका जाय और इसी कवायद के चलते इस बार बालाजी टेलीफिल्मस की एकता कपूर ने अपने मामा रमेश सिप्पी को राजपूत युवा संगठनों से वार्ता करने भेजा|

वार्ता में रमेश सिप्पी ने बताया कि वे जोधा अकबर सीरियल निर्माण से हट रहे है और राजपूत समाज को इस बात पर भरोसा दिलवाकर ही वे अपनी किसी फिल्म को रिलीज करेंगे, जब तक समाज आश्वस्त नहीं होगा हम फिल्म रिलीज ही नहीं करेंगे लेकिन सीरियल पूरी तरह से रोकने में हम असमर्थ है वह सिर्फ जी टीवी ही रोक सकता है|

सीरियल के स्वामित्व को लेकर दोनों ही पक्ष शुरू से ही समाज को गुमराह करते आ रहे थे, पहले बालाजी के सामने जी टीवी सीरियल का स्वामी बालाजी को बता रहा था, तब बालाजी नहीं बोला, अब जब बालाजी टेलीफिल्मस अपनी फिल्मों के चलते फंस गया तो सीरियल का स्वामित्व जी का बता रहा है, साथ ही एक फिल्म चलवाने के लिये एकता कपूर पहले ही थूक कर चाट चुकी है अत: अब समाज के युवाओं को लग रहा है कि स्वामित्व के नाम पर ये फ़िल्मी भांड जिनके लिए पैसा ही माई-बाप है जिसके लिए वे किसी भी स्तर तक गिर सकते है पर कैसे भरोसा किया जाय ?

सीरियल में निर्माता बालाजी अपना नाम हटा कोई छद्म नाम भी तो दे सकता है, अपने किसी नौकर या रिश्तेदार के नाम पर खोली कम्पनी के नाम पर भी तो सीरियल बना सकता है| इन्हीं आशंकाओं के चलते राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, उतरप्रदेश, महाराष्ट्र व दिल्ली के युवा संगठनों ने तय किया है कि वे जब तक यह सीरियल पूरी तरह बंद ना हो तब तक बालाजी टेलीफिल्मस की कोई फिल्म नहीं चलने दी जायेगी| इस बार यह भी तय किया गया कि युवा कहीं भी प्रशासन से ना टकरायें सिर्फ और सिर्फ बालाजी टेलीफिल्मस को आर्थिक नुकसान पहुंचाएं ताकि भविष्य में भी किसी फिल्म निर्माता का राजपूत समाज की प्रतिष्ठा को आघात लगाने की हिम्मत ना पड़े|

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3टिप्पणियाँ

  1. फिल्म और टीवी वाले पैसा कमाने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते है ...!

    RECENT POST -: पिता

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  2. आपकी इस प्रस्तुति को आज की आज कि बुलेटिन - क्या हिन्दी ब्लॉगजगत में पाठकों की कमी है ? में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  3. संस्कृति से इनका कोई लेना देना नहीं, चीज़ों को चटपटा और असत्यतता से प्रस्तुत करना इनका बाज़ारवाद है।

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